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SOG द्वारा धारा 124 A हटाने पर सतीश पूनिया बोले- विधायकों को डरा रही थी सरकार - SOG removed sedition section

विधायक खरीद-फरोख्त मामले में एसओजी ने राजद्रोह से जुड़ी तीनों FIR वापस ले ली है. इसके बाद अब प्रकरण की पत्रावली को एसीबी कोर्ट में भेजा जाएगा. इस मामले में सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि धारा 124 ए हटाकर सरकार बैकफुट पर आ गई है.

SOG removed sedition section, satish punia Statement
SOG ने हटाई धारा 124 A
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Published : Aug 4, 2020, 9:17 PM IST

जयपुर. प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच एसओजी की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विधायक विश्वेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा के खिलाफ दर्ज मामले में लगाई गई राजद्रोह की धारा 124 A को वापस हटा कर यह मामला एसीबी को दिए जाने पर सियासत जारी है.

सतीश पूनिया ने की प्रेस वार्ता

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि अब सरकार खुद बैकफुट पर आई है और यह भी साबित हो गया है कि प्रदेश सरकार एसओजी का दुरुपयोग कर निर्दलीय और छोटी पार्टी के विधायकों को डराने का काम कर रही थी. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए सतीश पूनिया ने यह बात कही.

इस दौरान पूनिया ने कहा कि हमने तो पहले ही कहा था कि अंग्रेजों के समय 1870 में जब ये कानून बना तो गांधीजी पर भी धारा लगाई गई, उसके बाद लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को एक अखबार में लेख लिखने के लिए उस कानून का इस्तेमाल हुआ.

पढ़ें- विधायक खरीद-फरोख्त मामले में SOG ने राजद्रोह से जुड़ी तीनों FIR ली वापस

वर्तमान में हार्दिक पटेल और कन्हैया कुमार द्वारा जब अराजकता हुई तब इस धारा का उपयोग हुआ. लेकिन कांग्रेस पार्टी के भीतर विग्रह और उसके कारण सरकार की अस्थिरता भला कैसे राजद्रोह की इन धाराओं का कारण हो सकती है. पूनिया के अनुसार पता नहीं सरकार ने किन से राय ली जो अब इन धाराओं को एसओजी ने वापस हटाया. उन्होंने कहा कि ये इस बात को साबित करता है कि सरकार बैकफुट पर आ गई, जो अपने आप में सरकार की नैतिक हार है.

पूनिया ने यह भी कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से सरकार के उस षड्यंत्र का खुलासा भी हुआ. जिसके चलते सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर एसओजी और एसीबी के डर से निर्दलीय विधायक और छोटी पार्टियों के विधायकों को डराना चाहती थी, उसमें काफी हद तक सरकार सफल भी हुई.

जयपुर. प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच एसओजी की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विधायक विश्वेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा के खिलाफ दर्ज मामले में लगाई गई राजद्रोह की धारा 124 A को वापस हटा कर यह मामला एसीबी को दिए जाने पर सियासत जारी है.

सतीश पूनिया ने की प्रेस वार्ता

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि अब सरकार खुद बैकफुट पर आई है और यह भी साबित हो गया है कि प्रदेश सरकार एसओजी का दुरुपयोग कर निर्दलीय और छोटी पार्टी के विधायकों को डराने का काम कर रही थी. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए सतीश पूनिया ने यह बात कही.

इस दौरान पूनिया ने कहा कि हमने तो पहले ही कहा था कि अंग्रेजों के समय 1870 में जब ये कानून बना तो गांधीजी पर भी धारा लगाई गई, उसके बाद लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को एक अखबार में लेख लिखने के लिए उस कानून का इस्तेमाल हुआ.

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वर्तमान में हार्दिक पटेल और कन्हैया कुमार द्वारा जब अराजकता हुई तब इस धारा का उपयोग हुआ. लेकिन कांग्रेस पार्टी के भीतर विग्रह और उसके कारण सरकार की अस्थिरता भला कैसे राजद्रोह की इन धाराओं का कारण हो सकती है. पूनिया के अनुसार पता नहीं सरकार ने किन से राय ली जो अब इन धाराओं को एसओजी ने वापस हटाया. उन्होंने कहा कि ये इस बात को साबित करता है कि सरकार बैकफुट पर आ गई, जो अपने आप में सरकार की नैतिक हार है.

पूनिया ने यह भी कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से सरकार के उस षड्यंत्र का खुलासा भी हुआ. जिसके चलते सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर एसओजी और एसीबी के डर से निर्दलीय विधायक और छोटी पार्टियों के विधायकों को डराना चाहती थी, उसमें काफी हद तक सरकार सफल भी हुई.

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