जयपुर. प्रदेश में पिछले 2 साल से सरपंचों को विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं मिल रहा है. जिसे लेकर सरकार के खिलाफ सरपंचों में आक्रोश व्याप्त है. इसके चलते प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में सरपंचों ने प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारियों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया. जिसमें सरपंच संघ राजस्थान ने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो आने वाले दिनों में आंदोलन कर विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
बता दें कि राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के नेतृत्व में 352 पंचायत समितियों में सरपंचों ने धरना प्रदर्शन किया. जिसमें 11 हजार से ज्यादा सरपंच शामिल हुए. वहीं, विकास कार्यों के लिए पैसा देने के लिए सरपंच कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दे चुके हैं. बावजूद अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सरपंचों की मांग है कि है कि राज्य वित्त आयोग और 14वे केंद्रीय वित्त आयोग की राशि ग्राम पंचायतों को जारी करें और छठे राज्य वित्त आयोग का गठन होने तक ग्राम पंचायतों के विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा भी की जाए.
सरपंच संघ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने बताया कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों को गत 2 वर्ष से राज्य वित्त आयोग की राशि जारी नहीं की गई है. जब मौजूदा गहलोत सरकार के 2 साल पूरे हो चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंचायतों के बकाया 2964 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक एक भी पैसा नहीं दिया गया है. इससे गांव में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.
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प्रदेश अध्यक्ष गढ़वाल ने कहा कि छठे राज्य वित्त आयोग का गठन नहीं किया गया है. जिससे ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं मिल रहा है. जिसको लेकर सरपंचों ने बुधवार को पेश हुए बजट में भी अलग से 5 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान करने की मांग की थी, ताकि गांव में विकास कार्य हो सके. वहीं, पहले से ही तय की गईं रणनीति के तहत सरपंच संघ ने 24 फरवरी को पंचायत समितियों पर धरना प्रदर्शन किया. बंशीधर गढ़वाल ने बताया कि पंचायतों के पास बिजली के बिल और कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए भी पैसा नहीं है. गुरुवार को सरपंच संघ की प्रदेश कार्यकारिणी राज्यपाल के नाम इस संबंध में ज्ञापन भी देगी.