जयपुर. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी आज सदन से लेकर सड़क तक रीट परीक्षा पत्र लीक (BJP Demanding CBI Inquiry in REET Controversy) मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए विरोध- प्रदर्शन कर रही है. भले ही भाजपा के सभी विधायक इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए विधानसभा से वॉकआउट कर चले गए हैं, लेकिन उसके बावजूद भी भाजपा के सड़क पर चल रहे प्रदर्शन की गूंज विधानसभा में कोरोना गाइडलाइन तोड़ने के चलते सुनाई दी.
मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा ने इस मामले पर सदन में पॉइंट ऑफ इंफॉर्मेशन के माध्यम से सरकार से यह मांग रखी कि अब भाजपा विधायकों के सदन में प्रवेश से पहले आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया जाए. संयम लोढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कठोर परिश्रम करके राजस्थान में कोरोना को नियंत्रित किया, लेकिन विधानसभा से कुछ मीटर दूरी पर ही सैकड़ो लोग (Sanyam Lodha on BJP Demonstration) इकट्ठा हुए हैं और गैरकानूनी तरीके से कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिन्होंने न मास्क पहना है और न जिन्हें लोगों के स्वास्थ्य की चिंता है.
संयम लोढ़ा ने कहा कि सदन में भी यह व्यवस्था है कि 2 गज दूरी के नियम को पालन करते हुए 1 सीट छोड़कर ही दो विधायक बैठेंगे. यहां तक कि विधानसभा में प्रवेश करते समय हम सभी विधायकों के टेंपरेचर की जांच होती है, लेकिन भाजपा के 72 गैर जिम्मेदार विधायक अपने प्रतिपक्ष नेता के सहित सैकड़ों लोगों के हुजूम में इकट्ठा हुए हैं और लोगों के स्वास्थ्य खेल रहे हैं. संयम लोढ़ा ने कहा कि यह विधायक वापस आकर यहां बैठेंगे.
इसलिए मैं यह विनती करता हूं कि एक भी भाजपा के सदस्य का प्रवेश बिना आरटी-पीसीआर टेस्ट के सदन में नहीं होना चाहिए. क्योंकि वह सब सैकड़ों लोगों के साथ कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाकर विधानसभा में आएंगे. ऐसे में पहले उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट हो उसके बाद ही उन्हें विधानसभा में प्रवेश दिया जाए. संयम लोढ़ा ने कहा कि जो लोग बिना मास्क के विरोध-प्रदर्शन में शामिल हैं, उनके खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज किया जाए