जयपुर. राजस्थान के पूर्व सैनिकों और उनके परिवार वालों को अब विभागों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. प्रदेश सरकार के सैनिक कल्याण मंत्री अब पूर्व सैनिकों की समस्याओं को लेकर महीने में एक बार जनसुनवाई करेंगे. सचिवालय में हुई सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. जनसुनवाई सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और खेल मंत्री अशोक चांदना करेंगे.
हर महीने होगी जनसुनवाई
बैठक के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूर्वसैनिकों और शहीदों के आश्रितों को विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं. फिर भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, ऐसे में सैनिक कल्याण विभाग की बैठक में तीन अहम निर्णय लिए गए हैं. जिनमें पहला निर्णय सैनिक कल्याण मंत्री द्वारा हर महीने पूर्वसैनिकों की समस्याओं को लेकर जन सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है.
स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाएंगे सेना भर्ती के नियम
दूसरा निर्णय यह लिया गया है कि स्कूली पाठ्यक्रम में सेना में भर्ती होने के नियमों के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसका उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को सेना में भर्ती होने को लेकर प्रेरित किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश के उदयपुर, बाड़मेर, प्रतापगढ़ जिलों में बहुत ही कम संख्या में लोग सेना में भर्ती हुए हैं. इसलिए प्रदेश में बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ ही सेना में भर्ती होने का जज्बा भी पैदा हो और सेना में भर्ती होने के नियम के बारे में जानकारी हो इसके लिए पाठ्यक्रम में जोड़ा जाने का लिया गया है.
खुलेंगे निशुल्क कोचिंग सेंटर
उन्होंने बताया कि तीसरा निर्णय प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर बच्चों को सेना में भर्ती होने के लिए निशुल्क कोचिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह कोचिंग सेंटर चैरिटी के माध्यम से चलाए जाएंगे. इसमें जिले की रिटायर्ड फौजी और अधिकारियों की सेवाएं भी ली जाएंगी. फंड के लिए चैरिटी का इस्तेमाल किया जाएगा.
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प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे बच्चे हैं जो सुबह 4:00 बजे अंधेरे में सेना में भर्ती होने के लिए दौड़ लगाते हैं. लेकिन उनके पास संसाधनों का आभाव है. ऐसे में जिन बच्चों में देशभक्ति का भाव है और वह सेना में भर्ती होना चाहते हैं, उन बच्चों को तैयार करने के लिए सभी जिला मुख्यालयों पर कोचिंग सेंटर खोले जाएंगे. जिनमें बच्चों को निशुल्क सेना में भर्ती होने की ट्रेनिंग और पढ़ाई कराई जाएगी.