जयपुर. नगर निगम में साल 2018 में जिन सफाई कर्मचारियों की भर्ती की गई थी, उनके स्थायीकरण के आदेश जारी करने, मृतक आश्रितों को नौकरी देने, कर्मचारियों के प्रति पार्षदों की भाषा शैली सुधारने, 2018 से पहले लगे संविदा कर्मचारियों की सूची राज्य सरकार को भिजवाने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ग्रेजुएटी पीएल और दूसरे परिलाभों के भुगतान की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी सोमवार को ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय पर इकट्ठा हुए. यहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 7 दिन में मांगों पर उपयुक्त कार्रवाई नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
राजधानी में दो नगर निगम बनने के बाद सफाई कर्मचारियों को अपनी मांगों के लिए दोहरा संघर्ष करना पड़ रहा है. पहले जिन मांगों को लेकर हेरिटेज नगर निगम में प्रदर्शन किया गया, लगभग उन्हीं मांगों को लेकर सोमवार को ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया.
सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया बताया कि साल 2018 में निगम प्रशासन ने सफाई कर्मचारियों की भर्ती की थी. जिनका प्रोबेशन पीरियड खत्म हो चुका है, लेकिन अब तक उन्हें स्थाई नहीं किया गया. यही नहीं मृतक आश्रितों की भी एक लंबी फेहरिस्त है. जिनकी अनुकंपा नियुक्ति नहीं हुई है.
उन्होंने बताया कि करीब 15 सालों से मृतक आश्रितों से संबंधित 500 से ज्यादा पत्रावलियों का अब तक निस्तारण नहीं किया गया है, लेकिन प्रशासन सफाई कर्मचारियों की जायज मांगों पर भी ध्यान नहीं दे रहा और तो और नए पार्षद सफाई कर्मचारियों से अमर्यादित भाषा का भी प्रयोग कर रहे हैं. इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ग्रेच्युटी, पीएल, पीएफ का भुगतान भी समय पर नहीं किया जा रहा. ऐसे में अब प्रशासन से आर-पार की लड़ाई लड़ने की नौबत आ गई हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि सफाई कर्मचारियों की इन मांगों पर 7 दिन में उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो सफाई कर्मचारी संगठन आंदोलन की ओर अग्रसर होगा.
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इसके अलावा 2018 से पहले बीट या संविदा पर निगम के माध्यम से सफाई का कार्य करने वालों को राज्य सरकार स्थाई करने की मंशा बना रही है, लेकिन निगम प्रशासन उनकी सूची भी उपलब्ध नहीं करा रहा है. इस दौरान उन्होंने सफाई कर्मचारियों को लगाए जाने वाले वैक्सीनेशन के संबंध में अप्रिय घटना होने पर उनके परिजनों की सुरक्षा और संभाल का दायित्व उठाने की मांग की.
बता दें कि बीते दिनों इस संबंध में कर्मचारियों ने हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय पर भी विरोध दर्ज कराया था. जिसके बाद निगमायुक्त ने 2018 में चयनित नवनियुक्त सफाई कर्मचारियों के स्थायीकरण करने के क्रम में सभी जोन को आदेश जारी कर दिए थे.