जयपुर. चार महीने से भी ज्यादा लम्बे अंतराल के बाद राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड को अपना स्थाई कार्यालय मिल गया है. इस कार्यालय का उद्घाटन सोमवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने किया. बोर्ड अध्यक्ष के रूप में महेश शर्मा यह जिम्मेदारी दी थी. महेश शर्मा कार्यालय नहीं मिलने के बावजूद पिछले चार माह से विप्र समाज से जुड़े कार्यों के लिए सजग रहे हैं. फिर चाहे ईडब्ल्यूएस की मियाद बढ़ाने की मांग को पूरा करवाना हो या फिर संभाग स्तर पर छात्रावास बनाने का काम. सचिन पायलट जब कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचे उस वक्त बड़ी संख्या में पायलट समर्थक पहले से मौजूद थे.
कार्यालय नहीं फिर किया काम: इस मौके पर बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की गई थी. जिसे राज्य सरकार ने पूरा किया. विप्र कल्याण बोर्ड के कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर सचिन पायलट ने हमें बेहतर काम करने के लिए शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि बोर्ड हमेशा विप्र कल्याण के लिए काम करते रहेगा. उन्होंने कहा यह सही है कि कार्यालय को स्थाई कार्यालय मिलने में तीन से चार महीने का वक्त लगा. लेकिन काम करने के लिए कार्यालय की जरूरत नहीं है. हमने बिना कार्यालय भी कई काम किये हैं. जिसमे ईडब्ल्यूएस की मियाद बढ़ाने का काम किया. इसके आलावा भी बोर्ड में जब से नियुक्ति हुई है. जब से सक्रीय रूप से काम कर रहे हैं.
पहली बार बना राज्य विप्र कल्याण बोर्ड: बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनाव घोषणापत्र में विप्र कल्याण बोर्ड बनाने का वादा किया था. हालांकि वादा पूरा करने में 3 साल से ज्यादा का समय लगा. लेकिन कांग्रेस ने विप्र कल्याण बोर्ड का गठन करते हुए अध्यक्ष के तौर पर राजस्थान कांग्रेस के पूर्व संगठन महामंत्री महेश शर्मा को इसका पहला अध्यक्ष बनाया. अब राजस्थान में देवनारायण बोर्ड के बाद विप्र कल्याण बोर्ड ऐसा दूसरा बोर्ड होगा. जो किसी जाति विशेष के उत्थान के लिए काम करता दिखेगा.