जयपुर. राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय आरयूएचएस का 7वां दीक्षान्त समारोह 3 साल बाद प्रत्यक्ष रूप से आयोजित हुआ. यहां मेडिकल स्टूडेंट्स को डिग्री और मेडल प्रदान (Governor Kalraj Mishra in RUHS Convocation) किए गए. बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में कोरोना के कारण 3 साल बाद मेडिकल स्टूडेंट्स प्रत्यक्ष रूप से समारोह में शामिल हुए. इससे पहले आरयूएचएस का प्रत्यक्ष रूप से पांचवा दीक्षांत समारोह साल 2019 में दुर्गापुरा स्थित एसआइएएम में हुआ था. देश के कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण साल 2020 में दीक्षांत समारोह नहीं हो सका था जबकि साल 2021 में यह समारोह वर्चुअल रूप से हुआ था.
आरयूएचएस के सातवें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने मेडिकल स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की. इस मौके पर एम्स दिल्ली के निदेशक पदमश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया और मेट्रो ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमेन पद्मविभूषण डॉ. पुरुषोत्तमलाल को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की गई. दीक्षांत समारोह में 16 हजार 733 उपाधियों के साथ ही 11 गोल्ड मेडल और 2 चांसलर्स गोल्ड मेडल दिए गए.
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कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल कलराज मिश्र ने की. मुख्य अतिथि के रूप में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा कार्यक्रम में मौजूद रहे. इसके अलावा प्रमुख चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया, पद्मश्री डॉ. शशांक आर जोशी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. कन्वोकेशन में वर्ष 2019 के उर्तीण डेन्टल संकाय और 2020 में मेडिसिन संकाय के विद्यार्थियों को चांसलर्स गोल्ड मेडल दिए गए तो वही मेडिकल, डेन्टल, फार्मेसी, नर्सिग, फिजियोथेरेपी और पैरामेडिकल संकाय के यूजी पाठयक्रम में पहले स्थान पर रहने वाले स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल से नवाजा गया. 2019 और 2020 में डीएम, एमसीएच और इसी साल में पीएचडी पूरी करने वाले विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई.
डॉक्टर मरीज को समझें परिवार का सदस्य
कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे पद्मश्री डॉ. शशांक आर जोशी ने कहा कि डॉक्टर हर मरीज को अपने परिवार का सदस्य समझकर इलाज करे तो किसी भी चिकित्सक से चूक नहीं हो सकती है. उन्होंने कोविड-19 संक्रमण के वर्तमान खतरे को लेकर कहा कि कोविड-19 के मिश्रित वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि नया वेरियंट ओमिक्रोन जैसा ही है और पिछले तीन लहर में लगभग सभी लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. ऐसे में लोगों में इससे लड़ने के लिए इम्यूनिटी भी डेवलप हो चुकी है.
डॉक्टर जोशी ने दावा किया है कि फिलहाल आने वाले 3 से 4 महीने में कोविड-19 संक्रमण कोई बड़ा खतरा नहीं है लेकिन एहतियात के तौर पर अभी भी मास्क का प्रयोग करें और भीड़-भाड़ से दूर रहें. राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षा का अंत नहीं बल्कि एक नए रूप का आरंभ है और पुराणों में भी दीक्षांत शिक्षा का उल्लेख मिलता है. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में पहला सुख निरोगी काया माना गया है. पिछले प्राचीन ग्रंथों में स्वास्थ्य शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्र हमारे यहां मिलते हैं.