जयपुर. आपसी समन्वय, कार्यक्षमता में अभिवृद्वि, तथा जिले में कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों के विषयों पर चर्चा के लिए वेबीनार के माध्यम से एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में कोटा संभाग की बाल कल्याण समितियों की ओर से किए जा रहे कार्यों एवं उनके सम्पादन में आ रही समस्याओं पर चर्चा कर कोरोना महामारी के दौरान जिले में संचालित बाल गृहों में संक्रमित बालकों की स्थिति एवं इस दौरान अनाथ हुए बच्चों के संदर्भ में चर्चा की गई.
बैठक में बेनीवाल ने प्रत्येक जिले में बाल अपराधों की शिकायतों की जानकारी प्राप्त की तथा कोरोना से प्रभावित बच्चों की समुचित मॉनिटरिंग कर आवश्यक चिकित्सा एवं विभागीय योजनाओं का लाभ दिलवाने हेतु निर्देशित किया. उन्होने कहा कि आयोग की ओर से सभी जिला कलक्टरों को बच्चों के लिए चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेन्टर बनवाने के लिए निर्देशित किया गया है.
बाल कल्याण समिति एवं बाल अधिकारिता विभाग के पदाधिकारी जिले में कोरोना संक्रमित बच्चों का डाटा चिकित्सा विभाग से लेकर, उन बच्चों को दिए जा रहे उपचार एवं स्वास्थ्य की पूर्ण जानकारी निदेशालय एवं आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. साथ ही जिले में कोरोना के कारण निराश्रित बच्चों की सूचना एकत्रित कर इन बच्चों को उपयुक्त देखभाल एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाते हुए पालनहार इत्यादि सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करने हेतु बाल कल्याण समिति का महत्वपूर्ण योगदान है. इसके लिए अध्यक्ष एवं सदस्य आपसी समन्वय के साथ कार्य करें तथा आवश्यकता होने पर विभाग से सहयोग प्राप्त कर बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित कराएं. वेबिनार में आयोग के सदस्य डॉ विजेन्द्र सिंह, बाल अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त निदेशक रीना शर्मा, संभाग के चारों जिलों क्रमशः कोटा, बून्दी, झालावाड़ व बारां की बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष/सदस्य एवं सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग सहित आयोग के अधिकारीगण उपस्थित रहे.