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रेवेन्यू बोर्ड रिश्वत मामलाः राजस्थान हाई कोर्ट ने RAS को दिए जमानत पर रिहा करने के आदेश - Revenue Board bribery case

राजस्व मंडल में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में निलंबित आरएएस और मंडल के तत्कालीन सदस्य सुनील कुमार को राजस्थान हाई कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

राजस्थान हाई कोर्ट, Revenue Board bribery case
राजस्थान हाई कोर्ट
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Published : Jul 14, 2021, 4:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने राजस्व मंडल में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में निलंबित आरएएस और मंडल के तत्कालीन सदस्य सुनील कुमार को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश देवेंद्र कच्छवाहा ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया की याचिकाकर्ता से कोई रिकवरी नहीं हुई है. इसके अलावा एसीबी की ट्रांसक्रिप्ट में भी ऐसी कोई बात नहीं है, जिससे यह साबित हो की आरोपी याचिकाकर्ता ने रिश्वत की मांग की है. इसके अलावा मामले में एसीबी की ओर से विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया जा चुका है.

रेवेन्यू बोर्ड रिश्वत मामला

याचिका में यह भी कहा गया की मामले में अभी तक एसीबी को याचिकाकर्ता के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है. इसलिए याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया की आरोपी पर फैसला पक्ष में देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. आरोपी दलाल के जरिए रिश्वत लेता था. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः SOG ने जाली नोट छापने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, 2 आरोपी के साथ 5 लाख 80 हजार से अधिक की जाली मुद्रा बरामद

इस मामले पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अदालत ने प्रकरण से जुड़े सह आरोपी बीएल मेहरड़ा और दलाल शशिकांत शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट ने राजस्व मंडल में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में निलंबित आरएएस और मंडल के तत्कालीन सदस्य सुनील कुमार को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश देवेंद्र कच्छवाहा ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत को बताया की याचिकाकर्ता से कोई रिकवरी नहीं हुई है. इसके अलावा एसीबी की ट्रांसक्रिप्ट में भी ऐसी कोई बात नहीं है, जिससे यह साबित हो की आरोपी याचिकाकर्ता ने रिश्वत की मांग की है. इसके अलावा मामले में एसीबी की ओर से विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया जा चुका है.

रेवेन्यू बोर्ड रिश्वत मामला

याचिका में यह भी कहा गया की मामले में अभी तक एसीबी को याचिकाकर्ता के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है. इसलिए याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया की आरोपी पर फैसला पक्ष में देने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है. आरोपी दलाल के जरिए रिश्वत लेता था. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.

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इस मामले पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अदालत ने प्रकरण से जुड़े सह आरोपी बीएल मेहरड़ा और दलाल शशिकांत शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है.

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