जयपुर. नीट पीजी काउंसलिंग (NEET-PG Counselling 2021) में हो रही देरी के कारण रेजिडेंट चिकित्सकों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है. रेजिडेंट चिकित्सकों का कहना है कि काउंसलिंग नहीं होने के कारण उन पर लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है. जिसके कारण रेजिडेंट चिकित्सक तनाव और अवसाद में आ रहे हैं.
रेजिडेंट चिकित्सकों (Resident Physicians) का कहना है कि काउंसलिंग को लेकर कोर्ट सिर्फ तारीख पर तारीख दे रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार मामले को गंभीर नहीं ले रही है. जिसके चलते देशभर के रेजिडेंट चिकित्सकों ने हड़ताल तक की चेतावनी दे दी है. ऐसे में रविवार को प्रदेशभर की रेजिडेंट चिकित्सकों ने ओपीडी का बहिष्कार (OPD Boycotted By Resident Physicians ) किया है.
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इमरजेंसी से जुड़ी सेवाएं चालू
उनका कहना है कि यदि काउंसलिंग को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जाता है. तो 29 और 30 को ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी, एकेडमिक शेड्यूल और कक्षाओं का भी बहिष्कार किया जाएगा. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी से जुड़ी सेवाएं चालू रखने की बात रेजिडेंट चिकित्सकों ने कही है. लेकिन इसके बाद भी कोई कदम काउंसलिंग को लेकर नहीं उठाया जाता तो बुधवार से संपूर्ण कार्य बहिष्कार (Complete Work Boycott By Doctors ) रेजिडेंट चिकित्सकों की ओर से कर दिया जाएगा.
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1000 का काम कर रहे 600 रेजिडेंट
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (Jaipur Association of Resident Doctors) के अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि काउंसलिंग में हो रही देरी के चलते नया बैच अस्पतालों में नहीं आ पा रहा है. ऐसे में जहां 1000 रेजिडेंट चिकित्सकों की अस्पतालों में जरूरत है, वहां सिर्फ 600 रेजिडेंट ही काम कर रहे हैं. बाकी 400 रेजिडेंट का कार्य भी मौजूदा रेजिडेंट चिकित्सकों द्वारा ही किया जा रहा है. ऐसे में चिकित्सकों में लगातार काम का बोझ बढ़ रहा है. बीते दिन रेजिडेंट चिकित्सकों की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा गया था.