जयपुर. हैदराबाद में महिला के साथ हुए जघन्य अपराध को लेकर पूरे देशभर में शोक की लहर है. पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर देशभर के नौजवान सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी को लेकर राजधानी में भी रेजिडेंट डॉक्टर सड़कों पर उतरे. जहां रेजिडेंट डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकालकर हैवानों को फांसी देने की मांग की.
हाथों में विरोध स्वरूप तख्तियां और मोमबत्तियां लेकर रेजिडेंट डॉक्टरों ने कैंडल मार्च निकाला. ये कैंडल मार्च एसएमएस मेडिकल कॉलेज से लेकर त्रिमूर्ति शहीद स्मारक तक निकाला गया. जहां शहीद स्मारक पर महिला की तस्वीर के आगे कैंडल जलाकर रेजिडेंट्स ने उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस दौरान बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने नारेबाजी कर पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की. साथ ही देश में ऐसी घटना किसी और बहन-बेटी के साथ नहीं हो इसको लेकर भी सरकार द्वारा बड़ा एक्शन लेने की मांग रखी.
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इस मौके पर प्रेसिडेंट डॉक्टर अजीत ने कहा कि हैदराबाद और राजस्थान में मासूमों के साथ हो रहे दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर सभी में आक्रोश है. ऐसी घटनाओं के बाद देश किस दिशा में जा रहा है, ये सोचना वाली बात है. क्योंकि बहन-बेटी शाम के 7 बजे बाद घर से बाहर जाने के लिए कांपती है. यदि बेटी घर से बाहर चली भी जाति है, तो घर वाले ये सोचने पर मजबूर हो जाते है कि अब मेरी बेटी सुरक्षित आएगी या नहीं आएगी, तो ऐसे में ऐसी सरकार किस काम की जो निर्भया कांड के बाद भी हैवानों के लिए कोई कड़ा कदम नहीं उठा सकी और फिर लगातार निर्भया-प्रियंका हैवानों की शिकार हो रही है. जरूर है हैवानों को मौत को फास्ट ट्रैक के जरिए कड़ी सजा देने की.
झुंझुनू के युवाओं ने भी प्रदर्शन कर की न्याय की मांग
झुंझुनू में इसको लेकर लोगों में बेहद आक्रोश है. इन सब के विरोध में एनएसयूआई के छात्रों व शहर के युवाओं ने रेप के हत्यारों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग के साथ जिला कलेक्ट्री में प्रदर्शन किया. इसके बाद प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया. इसमें मांग की गई कि यहां की बहन बेटियां व बहू सुरक्षित महसूस कर सकें.
पशु चिकित्सकों ने दिखाई एकता
शहर के पशु चिकित्सकों ने भी इस तरह के दर्दनाक हादसे होने पर एकता व आक्रोश दिखाते हुए मोमबत्ती जलाकर पीड़िता को श्रद्धांजलि व हत्यारों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की. पशु चिकित्सकों ने कहा कि पीड़िता जानवरों का इलाज तो कर रही थी, लेकिन इंसान के रूप में जो जानवर घूम रहे हैं, उनका इलाज अब समाज को करने की जरूरत है.