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भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को राहत, हाईकोर्ट ने दर्ज FIR पर लगाई रोक

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Published : Jun 3, 2020, 8:30 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 8:50 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को राहत मिली है. हाईकोर्ट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय के खिलाफ बूंदी थाने में दर्ज एफआईआर पर अनुसंधान करने पर रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court Order,  Jaipur News
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय के खिलाफ बूंदी थाने में दर्ज एफआईआर पर अनुसंधान करने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश जेपी नड्डा और अमित मालवीय की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राज दीपक रस्तोगी ने बताया कि 26 अप्रैल को बूंदी थाने में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ सोनिया गांधी के कोरोना के संबंध में भीलवाड़ा को लेकर दिए बयान को तोड़ मरोड़ कर ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. याचिका में कहा गया कि मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और याचिकाकर्ता को झूठा फंसाया जा रहा है.

पढ़ें- कोरोना Reports को लेकर मंत्री विश्वेन्द्र सिंह का चिकित्सा विभाग पर गंभीर आरोप, सुनिए क्या कहा

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के कई जिलों में इस तरह की एफआईआर दर्ज कराई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि एक मामले में एक से अधिक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती है. इस संबंध में हनुमानगढ़ में दर्ज रिपोर्ट को हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ पहले ही स्टे कर चुकी है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ बूंदी थाने में दर्ज एफआईआर में अनुसंधान पर रोक लगा दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय के खिलाफ बूंदी थाने में दर्ज एफआईआर पर अनुसंधान करने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश जेपी नड्डा और अमित मालवीय की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राज दीपक रस्तोगी ने बताया कि 26 अप्रैल को बूंदी थाने में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ सोनिया गांधी के कोरोना के संबंध में भीलवाड़ा को लेकर दिए बयान को तोड़ मरोड़ कर ट्वीट करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. याचिका में कहा गया कि मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है और याचिकाकर्ता को झूठा फंसाया जा रहा है.

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कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के कई जिलों में इस तरह की एफआईआर दर्ज कराई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि एक मामले में एक से अधिक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती है. इस संबंध में हनुमानगढ़ में दर्ज रिपोर्ट को हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ पहले ही स्टे कर चुकी है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ बूंदी थाने में दर्ज एफआईआर में अनुसंधान पर रोक लगा दी है.

Last Updated : Jun 3, 2020, 8:50 PM IST
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