महेंद्रगढ़. इसे राजस्थान पुलिस की नाकामयाबी कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. इतनी कड़ी मशक्क्त के बाद राजस्थान पुलिस के हाथ लगी कामयाबी शुक्रवार को सुबह तकरीबन 9 बजे नाकामयाबी में बदल गई, जब चंद आपराधिक तत्व थाने में हथियारों के बल पर पहुंचे और मोस्ट वांटेड अपराधी पपला गुर्जर को एक-47 से फायरिंग कर छुड़वा ले गए.
अब यहां सवाल उठना लाजमी है जब पुलिस ने हार्डकोर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया था तो ऐसे में थाने में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती क्यों नहीं की गई. हरियाणा, राजस्थान पुलिस के लिए सरदर्द बने पपला गुर्जर को उसके साथी पहले भी महेंद्रगढ़ कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान भी फायरिंग कर छुड़वा ले गए थे.
उस वक्त भी ये मामला काफी हाई प्रोफाइल हुआ था और पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए 50 हजार रुपये का इनाम भी रखा था और बाद में उसे बढ़ाकर अब 1 लाख रुपए किया गया था. उस समय एक पुलिस कर्मी को गोली लगी थी जो की आज तक कौमा में है.
अगर समय रहते राजस्थान पुलिस अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर देती तो शायद ये राजस्थान पुलिस की सबसे बड़ी कामयाबी होती, लेकिन पपला के साथियों ने पपला को छुड़वा कर ये साबित कर दिया कि पुलिस अपराधियों के आगे नतमस्तक है.
पुलिस अधीक्षक एसके संगेसर ने बताया कि हरियाणा के बदमाश को बहरोड़ पुलिस पकड़ कर लाई थी. शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे बदमाश फायरिंग कर हार्डकोर बदमाश को छुड़ाकर ले गए. सूत्रों की मानें तो पुलिस हाईकमान ने पपला के एनकाउंटर के आदेश दे दिए हैं.