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Farmer registration for MSP: मूंग-मूंगफली की MSP पर खरीद की पंजीयन सीमा 20 फीसदी बढ़ाई, ये है पंजीयन की अंतिम तिथि

मूंग-मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद की पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. किसान मूंग के लिए 23 जनवरी तक और मूंगफली के लिए 5 फरवरी तक किसान क्रय केन्द्र या ई-मित्र केन्द्रों पर पंजीयन करा सकते हैं.

Farmer registration for MSP
मूंग-मूंगफली की MSP पर खरीद की पंजीयन सीमा
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Published : Jan 19, 2022, 5:14 PM IST

जयपुर. मूंग-मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद की पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. किसान मूंग के लिए 23 जनवरी तक और मूंगफली के लिए 5 फरवरी तक किसान क्रय केन्द्र या ई-मित्र केन्द्रों पर पंजीयन करा सकते हैं. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के अनुसार मूंगफली के लिए 7 जिले और मूंग के लिए 11 जिलों के क्रय केंद्रों या ई-मित्र केंद्रों पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं.

राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंगफली के 7 जिले जिसमें बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, सीकर और टोंक के 24 खरीद केन्द्रों और मूंग के 11 जिले अजमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनू,जोधपुर, नागौर, सीकर और टोंक के 48 खरीद केन्द्रों पर पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत बढ़ाया है. मूंग के लिए 23 जनवरी (Farmer Registration for Green Gram on MSP) तक और मूंगफली के लिए 5 फरवरी (Farmer Registration for Groundnut on MSP) तक किसान क्रय केन्द्र या ई-मित्र केन्द्रों पर पंजीयन करा सकते हैं.

पढ़ें: राजस्थान में गुरुवार से होगी MSP पर मूंगफली की खरीद, बनाए 257 केंद्र

आंजना ने बताया कि खरीफ 2021 में समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द और मूंगफली की अब तक 489 करोड़ रुपए की खरीद कर ली गई है. भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 90 दिवस की खरीद अवधि के तहत 29 जनवरी तक मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की खरीद होगी और मूंगफली की खरीद 15 फरवरी तक होगी. अब तक कुल पंजीकृत 98 हजार 149 किसानों में से 93 हजार 475 किसानों को जिन्स तुलाई की तारीख राजफैड की ओर से आवंटित कर दी गई है. सोयाबीन के बाजार भाव समर्थन मूल्य दर से अधिक होने के कारण किसानों की ओर से समर्थन मूल्य योजना में सोयाबीन का बेचान नहीं किया गया है.

पढ़ें: Bikaner: मूंगफली का बम्पर उत्पादन, किसानों और व्यापारियों के खिले चेहरे

सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस वर्ष असमय बारिश होने के कारण मूंग की गुणवत्ता प्रभावित हुई है. जिससे कई मण्डियों में बदरंग व क्षतिग्रस्त मूंग की मात्रा अधिक है. इस पर भारत सरकार को मूंग के गुणवत्ता मापदण्डों में क्षतिग्रस्त दानों की स्वीकार्य मात्रा 3 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत मात्रा तक खरीद करने की अनुमति प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया था. भारत सरकार ने इस अनुरोध को स्वीकार न कर मूंग की निर्धारित गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप ही खरीद करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: धौलपुर में समर्थन मूल्य पर बाजरे की नहीं हो रही खरीद, किसान मायूस

प्रबंध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा ने बताया कि 21 हजार 900 किसानों से 41 हजार 561 मीट्रिक टन मूंग खरीदा गया है. जिसकी राशि लगभग 302 करोड़ रुपए है. 14 हजार 814 किसानों से 33 हजार 647 मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद की गई है. जिसकी राशि 187 करोड़ रुपए है. किसानों से समर्थन मूल्य पर क्रय किए गए दलहन-तिलहन के पेटे 308 करोड़ रुपए का 23 हजार 162 किसानों को उनके खाते में ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दलहन एवं तिलहन की खरीद क्रय केन्द्रों पर भारत सरकार की ओर से निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही की जाए.

जयपुर. मूंग-मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद की पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है. किसान मूंग के लिए 23 जनवरी तक और मूंगफली के लिए 5 फरवरी तक किसान क्रय केन्द्र या ई-मित्र केन्द्रों पर पंजीयन करा सकते हैं. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के अनुसार मूंगफली के लिए 7 जिले और मूंग के लिए 11 जिलों के क्रय केंद्रों या ई-मित्र केंद्रों पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं.

राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंगफली के 7 जिले जिसमें बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर, सीकर और टोंक के 24 खरीद केन्द्रों और मूंग के 11 जिले अजमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, झुंझुनू,जोधपुर, नागौर, सीकर और टोंक के 48 खरीद केन्द्रों पर पंजीयन सीमा को 20 प्रतिशत बढ़ाया है. मूंग के लिए 23 जनवरी (Farmer Registration for Green Gram on MSP) तक और मूंगफली के लिए 5 फरवरी (Farmer Registration for Groundnut on MSP) तक किसान क्रय केन्द्र या ई-मित्र केन्द्रों पर पंजीयन करा सकते हैं.

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आंजना ने बताया कि खरीफ 2021 में समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द और मूंगफली की अब तक 489 करोड़ रुपए की खरीद कर ली गई है. भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 90 दिवस की खरीद अवधि के तहत 29 जनवरी तक मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की खरीद होगी और मूंगफली की खरीद 15 फरवरी तक होगी. अब तक कुल पंजीकृत 98 हजार 149 किसानों में से 93 हजार 475 किसानों को जिन्स तुलाई की तारीख राजफैड की ओर से आवंटित कर दी गई है. सोयाबीन के बाजार भाव समर्थन मूल्य दर से अधिक होने के कारण किसानों की ओर से समर्थन मूल्य योजना में सोयाबीन का बेचान नहीं किया गया है.

पढ़ें: Bikaner: मूंगफली का बम्पर उत्पादन, किसानों और व्यापारियों के खिले चेहरे

सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस वर्ष असमय बारिश होने के कारण मूंग की गुणवत्ता प्रभावित हुई है. जिससे कई मण्डियों में बदरंग व क्षतिग्रस्त मूंग की मात्रा अधिक है. इस पर भारत सरकार को मूंग के गुणवत्ता मापदण्डों में क्षतिग्रस्त दानों की स्वीकार्य मात्रा 3 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत मात्रा तक खरीद करने की अनुमति प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया था. भारत सरकार ने इस अनुरोध को स्वीकार न कर मूंग की निर्धारित गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप ही खरीद करने के निर्देश दिए हैं.

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प्रबंध निदेशक राजफैड सुषमा अरोड़ा ने बताया कि 21 हजार 900 किसानों से 41 हजार 561 मीट्रिक टन मूंग खरीदा गया है. जिसकी राशि लगभग 302 करोड़ रुपए है. 14 हजार 814 किसानों से 33 हजार 647 मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद की गई है. जिसकी राशि 187 करोड़ रुपए है. किसानों से समर्थन मूल्य पर क्रय किए गए दलहन-तिलहन के पेटे 308 करोड़ रुपए का 23 हजार 162 किसानों को उनके खाते में ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दलहन एवं तिलहन की खरीद क्रय केन्द्रों पर भारत सरकार की ओर से निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप ही की जाए.

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