जयपुर. रणथंभौर बाघ परियोजना में हरिराम डूंगरी में पक्की दीवार निर्माण मामले में क्षेत्रीय वन अधिकारी और वनपाल को निलंबित किया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी ने कुंडेरा रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी राज बहादुर मीणा और वनपाल मोहन लाल सैनी को निलंबित किया है.
रणथंभौर बाघ परियोजना में पक्की दीवार निर्माण मामले की जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर रेंजर और फॉरेस्टर को निलंबित किया गया है. पक्की दीवार मामले को कांग्रेस विधायक दानिश अबरार ने उठाया था. विधायक ने सीएम अशोक गहलोत से मिलकर मामले की शिकायत भी की थी.
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इसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए और जांच होने पर मामले में अनियमितताएं पाई गईं. करीब ढाई किलोमीटर दीवार में कहीं पर भी पक्की नींव नहीं मिली. जिसके बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने मामले में एक्शन लेते हुए वन विभाग के रेंजर और फॉरेस्टर को निलंबित किया है. विधायक दानिश अबरार ने मामले में एक्शन लेने पर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर लिखा है कि आखिरकार सच्चाई की जीत हुई है.
मामले की जांच में सच्चाई सामने आने पर विधायक दानिश अबरार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वन मंत्री सुखराम विश्नोई का भी आभार जताया है. उन्होंने इस मामले को सोशल मीडिया पर भी उजागर किया था. जिसके बाद पूरे मामले की जांच पड़ताल करवाई गई और आखिरकार वन विभाग के अधिकारियों पर गाज गिरी और दोनों को निलंबित कर दिया गया है.
वहीं, पक्की दीवार निर्माण मामले में और भी कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल, पूरे मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी जांच पड़ताल में जुटे हुए हैं. आखिरकार किन-किन की मिलीभगत से दीवार निर्माण में गड़बड़ी की गई है.