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धर्मांतरण बिल और सूर्य नमस्कार पर भाजपा-कांग्रेस में तकरार, भाजपा-कांग्रेस में छिड़ी बहस - VIDHANSABHA BUDGET SESSION

सरकार आज विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल लाने जा रही है. वहीं, सभी स्कूलों में एक साथ सूर्य नमस्कार किया गया.

भाजपा-कांग्रेस में छिड़ी बहस
भाजपा-कांग्रेस में छिड़ी बहस (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 3, 2025, 1:35 PM IST

जयपुर : प्रदेश की भजनलाल सरकार आज विधानसभा में नया धर्मांतरण विधेयक 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' पेश करेगी. इसके पहले वसुंधरा सरकार के दौरान ऐसा एक बिल आ चुका था. अब राजस्थान में एक बार फिर भाजपा की सरकार है और 16 साल बाद नए सिरे से यह बिल आ रहा है. धर्मांतरण विरोधी बिल को सदन की मेज पर रखा जाएगा. इस पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इसके साथ ही आज सूर्य सप्तमी के उपलक्ष्य में स्कूलों में सूर्य नमस्कार किया गया. इन दोनों मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.

शुक्र है परिंदों का कोई धर्म नहीं होता-रफीक खान : कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत में धर्मांतरण बिल से जुड़े सवाल पर कहा, "शुक्र है कि परिंदों का कोई धर्म नहीं होता, वर्ना आसमान में भी कत्लेआम हो जाता." उन्होंने आगे कहा, "बहुत से काम हैं जो सरकार को करना चाहिए. विकास के नाम पर कोई काम नहीं हो रहा है. शिक्षा मंत्री शिक्षा को छोड़कर सभी काम कर रहे हैं. इस सरकार से काम की उम्मीद नहीं की जा सकती. कोई इनसे पूछे कि काम क्या कर रहे हैं. अभी राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, इसके बजट से अभिभाषण की तुलना करें तो 25 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है. काम के नाम पर सरकार जीरो है और इधर-उधर की बात कर रही है. हम विचार थोपने के खिलाफ हैं."

भाजपा-कांग्रेस में तकरार (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- मदन दिलावर ने छात्रों के साथ किया सूर्य नमस्कार, छात्रा बोली- 'मैं मुस्लिम हूं, लेकिन सूर्य नमस्कार करती हूं'

रफीक खान ने यह भी कहा, "केंद्र के बजट में पिछली बार भी और इस बार भी बिहार बाजी मार ले गया. राजस्थान की जनता के साथ नाइंसाफी हुई है. इस बात पर भी चर्चा होगी कि जिस प्रकार इन्होंने अभिभाषण पढ़ा, कोटा के रिवर फ्रंट और सिग्नल फ्री रेड लाइट को लेकर एक शब्द नहीं बोला गया." उन्होंने कहा, "सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बना. हमें इस पर आपत्ति नहीं है, लेकिन कोई भी निर्णय किसी भी वर्ग पर थोपा गया, हम उसके खिलाफ हैं. आदमी अपनी आस्था और आचरण से कुछ भी अपनाना चाहे, संविधान इसकी अनुमति देता है. सरकार शिक्षा को लेकर कोई बात नहीं कर रही है, बल्कि 450 स्कूल बंद कर दिए. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने की बात कर रही है. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से आदर्श विद्या मंदिर में प्रवेश बंद हो गए. विपक्ष का काम विरोध करना रह गया है."

विपक्ष का काम विरोध करना रह गया : राज्यमंत्री केके विश्नोई ने विपक्ष के सदस्यों को सलाह देते हुए कहा, "एकतरफ जिला, प्रदेश और देश से ऊपर उठकर 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जाना जा रहा है, पूरा विश्व इसका आदर कर रहा है. विपक्ष के लोगों को सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करना चाहिए." भाजपा के विधायक गोपाल शर्मा बोले, "विपक्ष का मतलब विरोध करना हो गया. लोकतंत्र में विपक्ष का मतलब सिर्फ विरोध नहीं होता, इसलिए उन्हें प्रतिपक्ष कहते हैं. उसे उन्होंने नकारात्मक रूप से ले लिया. छात्र-छात्राओं को रोज सूर्य नमस्कार करना चाहिए."

इसे भी पढ़ें- विधानसभा में आज पेश होगा नया धर्मांतरण बिल, 10 साल तक सजा का प्रावधान, अभिभाषण पर भी शुरू होगी बहस

छात्रों को रोज करना चाहिए सूर्य नमस्कार : गोपाल शर्मा ने कहा, "सूर्य सप्तमी का मतलब है कि सूर्य अपने संपूर्ण आकार में होते हैं. सूर्य नमस्कार सभी योगों का समुच्चय है. अगर कोई भी ऐसा मौका मिलता है तो स्वागत होना चाहिए. छात्र-छात्राओं की मानसिकता इस तरह की होनी चाहिए कि वे हर दिन सूर्य नमस्कार करें. इसमें भी कोई दिक्कत की बात नहीं है. हर दिन नहीं हो तो साल में जब भी मौका मिले, ऐसे आयोजनों का स्वागत किया जाना चाहिए."

धर्मांतरण के सबसे बड़े विरोधी थे गांधी : धर्मांतरण बिल को लेकर उन्होंने कहा, "धर्मांतरण के सबसे बड़े विरोधी महात्मा गांधी थे. उनकी एक पुस्तक है, जिसमें उन्होंने उस समय के धर्मांतरण पर अपनी आपत्तियां बताई हैं. नेहरू ने 30 नाम लिखे थे, कि अपने दोहिते का नाम क्या रखें. वह कागज उनके पास है, और उन्होंने सभी 30 नाम हिंदू मान्यता के आधार पर रखे थे. यह तो आस्था का विषय है. कोई सीरिया जाकर किसी को कहे कि तुम हिंदू बन जाओ, यह क्या बात हुई. कई देशों में बाइबल के नाम पर शपथ ली जाती है. भारत में सभी धर्मों को मानने वाले लोग हैं. यह बिल जरूरी है. यह हिंदू-मुस्लिम का सवाल नहीं है, यह आस्था की बात है."

जयपुर : प्रदेश की भजनलाल सरकार आज विधानसभा में नया धर्मांतरण विधेयक 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संप्रवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' पेश करेगी. इसके पहले वसुंधरा सरकार के दौरान ऐसा एक बिल आ चुका था. अब राजस्थान में एक बार फिर भाजपा की सरकार है और 16 साल बाद नए सिरे से यह बिल आ रहा है. धर्मांतरण विरोधी बिल को सदन की मेज पर रखा जाएगा. इस पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इसके साथ ही आज सूर्य सप्तमी के उपलक्ष्य में स्कूलों में सूर्य नमस्कार किया गया. इन दोनों मुद्दों पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई है.

शुक्र है परिंदों का कोई धर्म नहीं होता-रफीक खान : कांग्रेस विधायक ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत में धर्मांतरण बिल से जुड़े सवाल पर कहा, "शुक्र है कि परिंदों का कोई धर्म नहीं होता, वर्ना आसमान में भी कत्लेआम हो जाता." उन्होंने आगे कहा, "बहुत से काम हैं जो सरकार को करना चाहिए. विकास के नाम पर कोई काम नहीं हो रहा है. शिक्षा मंत्री शिक्षा को छोड़कर सभी काम कर रहे हैं. इस सरकार से काम की उम्मीद नहीं की जा सकती. कोई इनसे पूछे कि काम क्या कर रहे हैं. अभी राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, इसके बजट से अभिभाषण की तुलना करें तो 25 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है. काम के नाम पर सरकार जीरो है और इधर-उधर की बात कर रही है. हम विचार थोपने के खिलाफ हैं."

भाजपा-कांग्रेस में तकरार (ETV Bharat Jaipur)

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रफीक खान ने यह भी कहा, "केंद्र के बजट में पिछली बार भी और इस बार भी बिहार बाजी मार ले गया. राजस्थान की जनता के साथ नाइंसाफी हुई है. इस बात पर भी चर्चा होगी कि जिस प्रकार इन्होंने अभिभाषण पढ़ा, कोटा के रिवर फ्रंट और सिग्नल फ्री रेड लाइट को लेकर एक शब्द नहीं बोला गया." उन्होंने कहा, "सूर्य नमस्कार का विश्व रिकॉर्ड बना. हमें इस पर आपत्ति नहीं है, लेकिन कोई भी निर्णय किसी भी वर्ग पर थोपा गया, हम उसके खिलाफ हैं. आदमी अपनी आस्था और आचरण से कुछ भी अपनाना चाहे, संविधान इसकी अनुमति देता है. सरकार शिक्षा को लेकर कोई बात नहीं कर रही है, बल्कि 450 स्कूल बंद कर दिए. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने की बात कर रही है. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से आदर्श विद्या मंदिर में प्रवेश बंद हो गए. विपक्ष का काम विरोध करना रह गया है."

विपक्ष का काम विरोध करना रह गया : राज्यमंत्री केके विश्नोई ने विपक्ष के सदस्यों को सलाह देते हुए कहा, "एकतरफ जिला, प्रदेश और देश से ऊपर उठकर 21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जाना जा रहा है, पूरा विश्व इसका आदर कर रहा है. विपक्ष के लोगों को सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करना चाहिए." भाजपा के विधायक गोपाल शर्मा बोले, "विपक्ष का मतलब विरोध करना हो गया. लोकतंत्र में विपक्ष का मतलब सिर्फ विरोध नहीं होता, इसलिए उन्हें प्रतिपक्ष कहते हैं. उसे उन्होंने नकारात्मक रूप से ले लिया. छात्र-छात्राओं को रोज सूर्य नमस्कार करना चाहिए."

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छात्रों को रोज करना चाहिए सूर्य नमस्कार : गोपाल शर्मा ने कहा, "सूर्य सप्तमी का मतलब है कि सूर्य अपने संपूर्ण आकार में होते हैं. सूर्य नमस्कार सभी योगों का समुच्चय है. अगर कोई भी ऐसा मौका मिलता है तो स्वागत होना चाहिए. छात्र-छात्राओं की मानसिकता इस तरह की होनी चाहिए कि वे हर दिन सूर्य नमस्कार करें. इसमें भी कोई दिक्कत की बात नहीं है. हर दिन नहीं हो तो साल में जब भी मौका मिले, ऐसे आयोजनों का स्वागत किया जाना चाहिए."

धर्मांतरण के सबसे बड़े विरोधी थे गांधी : धर्मांतरण बिल को लेकर उन्होंने कहा, "धर्मांतरण के सबसे बड़े विरोधी महात्मा गांधी थे. उनकी एक पुस्तक है, जिसमें उन्होंने उस समय के धर्मांतरण पर अपनी आपत्तियां बताई हैं. नेहरू ने 30 नाम लिखे थे, कि अपने दोहिते का नाम क्या रखें. वह कागज उनके पास है, और उन्होंने सभी 30 नाम हिंदू मान्यता के आधार पर रखे थे. यह तो आस्था का विषय है. कोई सीरिया जाकर किसी को कहे कि तुम हिंदू बन जाओ, यह क्या बात हुई. कई देशों में बाइबल के नाम पर शपथ ली जाती है. भारत में सभी धर्मों को मानने वाले लोग हैं. यह बिल जरूरी है. यह हिंदू-मुस्लिम का सवाल नहीं है, यह आस्था की बात है."

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