बूंदी : नेशनल हाईवे 52 पर अज्ञात वाहन की टक्कर से मादा पैंथर की मौत का मामला सामने आया है. दुर्घटना बूंदी टनल के नजदीक हुई है. इसकी सूचना वन विभाग को देर रात 12 बजे आसपास मिली थी, जिसके बाद मौके पर टीम पहुंची. शव को कस्टडी में लेकर उपवन संरक्षक कार्यालय ले जाया गया, जहां पर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जाएगी.
बूंदी के डीसीएफ देवेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि जयपुर की तरफ जाने वाले रास्ते की तरफ देर रात 12 बजे के आसपास मादा पैंथर के घायल अवस्था में पड़े होने की सूचना मिली थी. संभवतः वह रोड क्रॉस कर रही थी, इसी दौरान नेशनल हाईवे से गुजर रहे वाहन से उसकी टक्कर हुई है. यह मादा पैंथर वन क्षेत्र से निकलकर बाहर आई थी. पोस्टमार्टम के बाद पूरे प्रोटोकॉल से इसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. फिलहाल इसकी उम्र डेढ़ से 2 साल के बीच बताई जा रही है.
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तीन माह में पांचवी मौत : बूंदी जिले में बीते तीन महीने में पैंथर की यह पांचवीं मौत है, जबकि बीते 1 साल के अंतराल में करीब 10 पैंथर की मौत हो गई है. इसमें अधिकांश हादसे हाईवे या उसके आसपास ही हुए हैं. इसके पहले बसोली थाना इलाके में नेशनल हाईवे 148 डी पर एक हादसा हुआ था. इसी तरह दिसंबर महीने में पैंथर की मौत गरदड़ा गोपालपुरा रोड पर हादसे में हुई थी. दो हादसे डाबी वन क्षेत्र एरिया से गुजर रहे नेशनल हाईवे 27 पर हुए हैं. यह पैंथर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व से निकलकर बाहर आए थे.
चंबल संसद के संयोजक बृजेश विजयवर्गीय का यह कहना है कि वन्य क्षेत्र से गुजर रहे नेशनल हाईवे पर अधिकांश जगहों पर अंडर पास नहीं हैं, इसीलिए जानवर नीचे से नहीं गुजर पाते और मजबूरन उन्हें हाईवे पर होकर जाना पड़ता है. यहां पर वाहनों की आवाजाही लगातार होती है और यही वन्य जीव के लिए भारी पड़ रहा है. उनका यह भी कहना है कि पैंथर के अलावा भालू, नीलगाय भी इस एरिया में दुर्घटना ग्रसित हो रहे हैं और उनकी भी मौत हो रही है.