जयपुर. रीट पेपर आउट को लेकर (REET Paper Leak Case) चौतरफा घिरी गहलोत सरकार ने आखिरकार REET लेवल-2 को निरस्त करने का बड़ा फैसला लिया है. सीएम गहलोत ने सोमवार को यह घोषणा की तो बेरोजगारों ने खुले मन से इस फैसले का स्वागत किया है. हालांकि, बेरोजगारों का कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की उनकी मांग यथावत है. सीबीआई जांच से ही REET पेपर आउट में शामिल बड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम जनता के सामने आ सकते हैं और उन्हें कड़ी सजा मिल सकती है.
REET रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग कर रहे बेरोजगारों का कहना है कि जिस तरह से धांधली की खबरें आ रही थीं, उससे साफ था कि बड़े स्तर पर पेपर आउट हुए हैं. राजस्थान के बेरोजगार लंबे समय से रीट परीक्षा रद्द करने और इसकी सीबीआई जांच (Unemployed Welcomed CM Gehlot Decision) करवाने की मांग कर रहे थे. क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने REET लेवल-2 को रद्द करने का जो फैसला लिया है, वह सराहनीय है.
उन्होंने संवेदनशीलता दिखाते हुए बेरोजगारों की आवाज को सुना और समझा, लेकिन अभी भी राजस्थान के युवाओं को सीबीआई जांच का इंतजार है. इसकी सीबीआई जांच जरूरी है, ताकि जो नेता, मंत्री और बड़े अधिकारी पेपर आउट से जुड़े हैं, उनके नाम सामने आ सके और उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने शिक्षक भर्ती में पद बढ़ाने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया है. वहीं, बीएसटीसीधारी अभ्यर्थी REET-21 के लेवल-2 को निरस्त नहीं करने और पद बढ़ाने की मांग कर रहे थे. वे भी सीएम गहलोत के इस फैसले से खुश हैं. उनका कहना है कि लेवल-1 की भर्ती प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी.
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दरअसल, 26 सितंबर 2021 को परीक्षा आयोजित होने के साथ ही इसका पेपर आउट होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. साल 2022 के आगाज के साथ ही एसओजी की जांच जिस तरह से आगे बढ़ी तो आंच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर तक पहुंची और बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली को बर्खास्त और सचिव अरविंद सेंगवा को निलंबित किया गया. बेरोजगार युवाओं का एक बड़ा वर्ग REET रद्द कर सीबीआई जांच की मांग कर रहा था. अब सरकार ने REET लेवल-2 रद्द करने की घोषणा की है.