जयपुर. प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन के दौरान काम-धंधे बंद होने से कई मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं. काम-धंधे बंद होने की वजह से कई मजदूर अपने घरों की तरफ पलायन कर रहे हैं. सरकारी और निजी परिवहन बंद होने के बाद अब मजदूर ट्रेनों में सफर कर रहे हैं.
लॉकडाउन में रेलवे स्टेशन पर कम पढ़े-लिखे यात्रियों की जेब काट रही है. रिजर्वेशन फॉर्म भरने के भी रुपए वसूले जा रहे हैं. देश के विभिन्न राज्यों से मजदूर अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं. रेलवे की ओर से ट्रेनों में जनरल टिकट बंद होने से यात्री अधिक किराया देकर रिजर्वेशन कराने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में जयपुर से पलायन कर रहे हैं. लोग जयपुर जंक्शन पर रिजर्वेशन करवाने के लिए पहुंच रहे हैं. कम पढ़े लिखे लोगों को रिजर्वेशन फॉर्म भरना नहीं आता है तो ऐसे में मजदूर और गरीब लोगों का फायदा उठाया जा रहा है. जिन यात्रियों को रिजर्वेशन फॉर्म भरना नहीं आता है, ऐसे कम पढ़े लिखे लोगों का कुछ लोग फायदा भी उठा रहे हैं.
यह भी पढ़ें. क्या डोटासरा बना पाएंगे सचिन पायलट जैसी टीम, दिल्ली दरबार में जल्द भेजेंगे जिला अध्यक्षों की सूची
जयपुर रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति को कम पढ़े-लिखे यात्रियों से रिजर्वेशन फॉर्म भरने के लिए 100-100 रुपए वसूलते हुए पकड़ा गया है. व्यक्ति का नाम विनोद बताया जा रहा है, जिस को पकड़कर आरपीएफ के हवाले कर दिया गया. आरोपी से पूछताछ में सामने आया है कि उसने रिजर्वेशन फॉर्म भरने के आवाज में 20 लोगों से करीब 2000 वसूल किए हैं. आरपीएफ की ओर से आरोपी के खिलाफ महामारी एक्ट में कार्रवाई की जा रही है.
बताया जा रहा है कि इन दिनों मजदूर वर्ग के लोग ट्रेनों से पलायन कर रहे हैं, तो ऐसे में कुछ लोग उनके कम पढ़ाई लिखाई और मौके का फायदा उठाकर अवैध वसूली कर रहे हैं. जिन मजदूरों को रिजर्वेशन फॉर्म भरना नहीं आता है, उनसे रिजर्वेशन फॉर्म भरने के लिए कुछ लोग रुपए वसूलने में लगे हैं.
जहां एक तरफ सरकार और प्रशासन कोरोना की जंग में जुटा हुआ है, तो वहीं कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाने में लगे हुए हैं. एक तरफ ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं अब रेलवे स्टेशन पर इस महामारी में मौके का फायदा उठाकर गरीब मजदूरों से रुपए वसूले जा रहे हैं. ऐसे में प्रवासी मजदूरों के लिए अपने घर से बाहर राज्यों में रोजगार बंद होने से जीवन यापन एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. मजबूरन मजदूरों को अपने घरों की तरफ पलायन करना पड़ा है.