अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission ) में फुल कमीशन की बैठक डॉ जसवंत सिंह राठी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में सर्वसम्मति से आरएएस 2021 मुख्य परीक्षा (RAS main exam) का आयोजन (RAS 2021 Main Exam on 25th and 26th February) पूर्व निर्धारित 25 एवं 26 फरवरी को ही करवाने का निर्णय लिया गया है.
आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ जसवंत सिंह राठी ने बताया कि परीक्षा का आयोजन सभी संभागीय मुख्यालयों (RAS main exam in two shifts) पर 2 पारियों में सुबह 9 से 12 बजे तथा दोपहर 2 से 5 बजे तक किया जाएगा. परीक्षा केंद्रों पर कोविड-19 की पालना सुनिश्चित की जाएगी एवं अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए समुचित उपाय किए जाएंगे. डॉ राठी ने कहा कि आयोग की ओर से जारी भर्ती परीक्षा कैलेंडर के अनुसार ही परीक्षाओं का आयोजन कराने का आयोग की ओर से यथासंभव प्रयास किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि बैठक में विभिन्न सेवा नियम संशोधन संबंधी प्रकरणों पर भी चर्चा की गई. बैठक में सभी सदस्यों एवं संयुक्त सचिव उपस्थित रहे. परीक्षा के अभ्यर्थी परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे. बता दें कि 27 अक्टूबर को आरएएस प्री परीक्षा 2021 का आयोजन हुआ था. परीक्षा तिथि के 24 दिन बाद ही आयोग ने परिणाम जारी कर दिया था. आरएएस प्री परीक्षा में 20 हजार 102 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था. संघ लोक सेवा आयोग जाएगा अध्ययन दलः डॉ राठी ने बताया कि आयोग की कार्यप्रणाली संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर विकसित करने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्ययन दल संघ लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली को देखने के लिए जाएगा. दल में आयोग सदस्य एवं अधिकारी शामिल होंगे. इस दौरान संघ लोक सेवा आयोग की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का अध्ययन भी किया जाएगा.
वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अभ्यर्थी परिवेदना पोर्टलः आयोग की ओर से 10 जनवरी को वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसमें अभी तक 12 हजार 700 अभ्यर्थियों की ओर से रजिस्ट्रेशन हो चुका है. डॉ राठी ने बताया कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन के माध्यम से अभ्यर्थियों को विभिन्न भर्तियों के लिए आवेदन करते समय बार-बार विवरण दर्ज करने की आवश्यकता नहीं रहेगी. आयोग की ओर से भविष्य में आवेदन इस प्रक्रिया के माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी परिवेदना पोर्टल पर अभी तक 438 परिवेदना प्राप्त हुई है. इनमें से 361 परिवेदनाओं का निस्तारण हो चुका है.