जयपुर. कहते हैं सफलता में न उम्र बाधा बनती है और न ही शादी, अगर लक्ष्य तय कर लिया जाए तो हर सफलता को हासिल किया जा सकता है. इसी सोच के साथ चिड़ावा (Chirawa) की रहने वाली मुक्ता राव ने आरएएस 2018 टॉपर (RAS 2018 Topper) बनने का लक्ष्य हासिल किया. जहां टॉपर बनने के बाद मुक्ता राव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि लक्ष्य लेकर अगर कोई भी आगे बढ़ता है, तो सफलता उसे निश्चित रूप से मिलती है.
झुंझुनू के चिड़ावा की रहने वाली मुक्ता राव (Mukta Rao) ने RAS 2018 की परीक्षा में टॉप किया है, उन्हें पूरे राजस्थान में नंबर 1 रैंक मिला है. मुक्ता राव आरएएस परीक्षा में दूसरी बार बैठी थी. जहां इस बार उन्होंने टॉप किया है. खास बात यह है कि मुक्ता राव की शादी 14 साल पहले 2007 में हो चुकी थी. उन्होंने शादी के 14 साल बाद यह सफलता हासिल कर उन महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा पेश की है, जो शादी और बच्चों की वजह से अपने करियर को विराम दे देते हैं.
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मुक्ता राव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि सफलता के अंदर उनके परिवार चाहे वो ससुराल के हो या फिर पीहर पक्ष, दोनों का बड़ा योगदान था. खासतौर से उनके पति और बेटे ने उनकी इस सफलता में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि पति को उनपर पूरा भरोसा था कि वह इस परीक्षा में टॉप कर सकती हैं और उनके इस विश्वास को आज पूरा किया.
मुक्त राव कहती है कि उन्होंने बेटे के लिए आईटी की नौकरी छोड़कर बच्चे की परवरिश पर ध्यान दिया. राव ने कहा कि कई बार महसूस होता था कि उनकी सोसाइटी में कोई अलग से खास पहचान नहीं है. उन्हें लगा कि उन्हें अपनी पहचान बनाने के लिए कुछ करना चाहिए और उन्होंने इसके लिए अपने पति डॉ. विजयपाल ढाका, ससुराल वालों से बात की और उनकी ससुराल वालों और पति ने उन्हें पूरी तरीके से सपोर्ट किया. उसके बाद वह अपने लक्ष्य की तैयारी में जुट गई. हालांकि मुक्ता राव ने दूसरी बार में यह फर्स्ट रैंक हासिल की है.
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पहली बार में सफलता नहीं मिली तो उसके बाद उन्होंने निश्चय किया कि वह अब आगे उस असफलता से सबक लेते हुए गलतियों को नहीं दोहराएंगी और ज्यादा मेहनत करेंगी. इसी मेहनत के साथ वह लगातार 5 से 6 घंटे अपनी पढ़ाई को देती और कुछ दोस्तों की ग्रुप के साथ में सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करते हुए इस सफलता तक पहुंची.
मुक्ता राव की सफलता पर उनके पति डॉ. विजयपाल ढाका कहते हैं कि हमारी शादी 2007 में हुई थी, उसके बाद मैं जब पीएचडी की तैयारी कर रहा था, तो पत्नी ने मुझे हर संभव सहयोग दिया और आज जब उन्होंने अपने करियर के लिए कुछ सोचा था तो हमने भी उन्हें हर संभव सहयोग देने की कोशिश की. उसका परिणाम हम सबके सामने हैं.
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विजयपाल कहते हैं कि उन्हें अपने पत्नी पर गर्व है, उन्हें उनकी काबिलियत पर शुरू से ही भरोसा था और उन्हें पता था कि अगर मुक्ता ने कोई चीज का लक्ष्य ले लिया तो वह से जरूर पूरा करेगी. उन्होंने परिवार बच्चे और ससुराल के साथ-साथ अपनी सामाजिक जीवन को भी बहुत अच्छे से आगे बढ़ाया. आज जब वह 2018 की टॉपर बनी है, तो उनके लिए फक्र की बात है.
मुक्ता राव की सफलता पर उनके बेटे ओजस ढाका कहते हैं कि मम्मी की सफलता को देखकर आज उन्हें भी यह बात समझ में आ गई कि जीवन में अगर लक्ष्य लेकर चला जाए तो उसे पूरा किया जा सकता है. मम्मी ने आज आरएएस 2018 में टॉप किया है. वह भी आगे जाकर आईएएस बनेंगे और उसका लक्ष्य उन्होंने आज से ही अपने जीवन में बना लिया है.