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बयानों से मुकरी नाबालिग, तो कोर्ट ने एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को दी आजीवन कारावास की सजा - POCSO court judgement in rape case

नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने पीड़िता के बयानों से मुकर जाने के बाद एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त बाबूलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Rape convict sentenced to life imprisonment) है. अदालत ने इस मामले में क​हा कि नाबालिग की सहमति कानून में महत्व नहीं रखती है.

Rape convict sentenced to life imprisonment by POCSO court
बयानों से मुकरी नाबालिग, तो कोर्ट ने एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को दी आजीवन कारावास की सजा
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Published : Jul 14, 2022, 10:47 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त बाबूलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Rape convict sentenced to life imprisonment) है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 80 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने पीड़िता के बयानों से मुकरने के बाद भी एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को यह सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि पीड़िता के भाई ने दूदू थाने में 9 अगस्त, 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 7 अगस्त को अभियुक्त उसकी बहन का अपहरण कर सुनसान जगह ले गया और उसे जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया.

पढ़ें: Rape Case in Alwar: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में न्यायालय ने 11 दिन में सुनाई सजा, आजीवन कारावास और एक लाख का जुर्माना

रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने बयान दिया कि अभियुक्त ने ना तो उसका अपहरण किया और ना ही उसके साथ दुष्कर्म (Minor changed statements in rape case) किया. वह घर वालों को बिना बताए अपने रिश्तेदार के चली गई थी. इसके बाद परिजनों ने शक के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. वहीं डीएनए रिपोर्ट में अभियुक्त के साथ संबंध बनाने की बात सामने आई. इस पर अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त बाबूलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Rape convict sentenced to life imprisonment) है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 80 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

अदालत ने पीड़िता के बयानों से मुकरने के बाद भी एफएसएल और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त को यह सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि पीड़िता के भाई ने दूदू थाने में 9 अगस्त, 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 7 अगस्त को अभियुक्त उसकी बहन का अपहरण कर सुनसान जगह ले गया और उसे जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया.

पढ़ें: Rape Case in Alwar: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में न्यायालय ने 11 दिन में सुनाई सजा, आजीवन कारावास और एक लाख का जुर्माना

रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने बयान दिया कि अभियुक्त ने ना तो उसका अपहरण किया और ना ही उसके साथ दुष्कर्म (Minor changed statements in rape case) किया. वह घर वालों को बिना बताए अपने रिश्तेदार के चली गई थी. इसके बाद परिजनों ने शक के आधार पर अभियुक्त के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. वहीं डीएनए रिपोर्ट में अभियुक्त के साथ संबंध बनाने की बात सामने आई. इस पर अदालत ने अभियुक्त को सजा सुनाई है.

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