जयपुर. किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भेज कर राज्य के कुल उत्पादन में से 15 प्रतिशत चना और सरसों की खरीद के लिए अनुरोध किया है. पत्र में प्रकट किए तथ्यों के अनुसार कोविड-19 के कारण देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की विकार दर 1.9 प्रतिशत रही है, जबकि अन्य क्षेत्रों की विकास दर शून्य से नीचे चली गयी.
देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता दिया जाना अपरिहार्य है. इस दिशा में किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार कुल उत्पादन में से कम से 15 प्रतिशत चना और सरसों की खरीद करे. इस संबंध में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री तक को पत्र भेजे हैं, उनके परिणाम आने तक राज्य सरकार को राजस्थान की जनता की ओर से अधिक प्रयास करने चाहिए. प्रयास पूर्ण होने तक राज्य सरकार कुल उत्पादन में से 15 प्रतिशत चना और सरसों खरीद की घोषणा करे.
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ज्ञात रहे कि उत्पादन का 15 प्रतिशत चना और सरसों की खरीद का खर्च क्रमश: 1560 करोड़ और 2623 करोड़ रुपये है. चना और सरसों के बाजार भावों में बढ़ोतरी की सम्भावना रहती है. यदि वर्तमान के भाव स्थिर रहते हैं तो आज की स्थिति के अनुसार राज्य को चना और सरसों पर क्रमश: 403 करोड़ और 163 करोड़ रुपये की राशि का अंतर रहेगा. अगर किन्हीं कारणों से भारत सरकार की ओर से उसकी भरपाई नहीं की जाती है तो 566 करोड़ रुपये का भार राज्य को वहन करना पड़ेगा. जिसके लिए किसान कल्याण कोष का उपयोग किया जा सकता है.
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राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने पत्र में प्रकट किया है कि प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की योजना में 40 प्रतिशत की सीमा तक की खरीद राज्यों को अपने संसाधनों के आधार पर करने का प्रावधान है. इसके अनुसार कुल उत्पादन में 15 प्रतिशत की खरीद राज्य की ओर से की जा सकती है. राज्य के इस खर्चे की भरपाई करना केंद्र सरकार के अधीन है.