जयपुर. ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने चीनी एप के बंद करने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह 1962 का भारत नहीं है और ना ही इस समय भारत की बागडोर नेहरू और गांधी परिवार के हाथ में है. साल 1962 की तरह हजारों स्क्वायर किलोमीटर जमीन उन्हें थाली में परोस कर नहीं दी जाएगी. भारत की एक-एक इंच जमीन हमारे मान और स्वाभिमान का प्रतीक है.
भारतीय सेना, भारत सरकार और भारत के लोग बहुआयामी तरीके से चीन की चुनौती का सामना करेंगे. राठौड़ ने कहा कि आज का माहौल और समय बिल्कुल अलग है और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कई कदम उठाए गए हैं. उनमें चाइनीज ऐप को बंद करना भी एक महत्वपूर्ण कदम है. यह भारत के नागरिकों के भलाई के लिए उठाया गया कदम है.
कलेक्टर से की मुलाकात
दरअसल, सांसद राठौड़ ने बुधवार को कलेक्टर जोगाराम से मुलाकात कर पेयजल संकट, टिड्डी हमले और कोरोना को लेकर चर्चा की. इसके साथ ही सेना भर्ती कराने को लेकर भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि सेना भर्ती में किसी भी तरह का विलंब नहीं होना चाहिए और आज के युवाओं को इसकी जरूरत भी है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार सेना भर्ती जयपुर जिले में होगी और समय पर होगी.
इमरजेंसी में हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल करना पड़ेगा
कुछ दिनों पहले एक प्रेस वार्ता के दौरान राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा था कि हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए टिड्डियों का खात्मा करना संभव नहीं है. जब इस पर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि टिड्डियों को खत्म करने के लिए हर तरह से कोशिश की जानी चाहिए. इमरजेंसी में हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल करना ही पड़ेगा.
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उन्होंने कहा कि जब टिड्डियां निकलती है तो इसकी पहले ही जानकारी हो जाती है. उसके लिए दवाइयां आदि की व्यवस्था करनी चाहिए. हर ब्लॉक पर टिड्डियों को मारने के लिए दवा उपलब्ध होनी चाहिए. खासकर जब टिड्डियां रात को आराम करती है तो उस समय उनका खात्मा किया जा सकता है.
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लगातार कर रहे दौरे
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से जब पूछा गया कि जनता की जरूरत के समय वे 1 महीने से दिल्ली में थे तो उन्होंने कहा कि वे लगातार दौरे कर रहे हैं. विधानसभा क्षेत्रों में भी अधिकारियों और पुलिस वालों के साथ बैठक कर रहे थे. क्षेत्र में जितनी भी बैठक हुई है, उनमें से सबसे ज्यादा उनकी बैठक है. साथ ही कहा कि हर पद के साथ कई जिम्मेदारियां होती हैं और जिम्मेदारी के साथ केंद्र से मदद भी पहुंचाई जा रही है. प्रशासन को भी जागरूक किया जा रहा है. जनता की समस्या का समाधान करने के लिए वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं.