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राजस्थान में राज्यसभा उपचुनाव महज औपचारिकता, आंकड़े तो यही कह रहे हैं

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कल यानी मंगलवार को राज्यसभा के लिए नामांकन करेंगे, जिनका जीतना लगभग तय है. वहीं, जीतने के लिए फार्मूले के हिसाब से चाहिए 100 वोट जो खुद कांग्रेस के पास मौजूद है. ऐसे में अगर भाजपा ने उम्मीदवार उतारा या किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन दिया तो भी 20 विधायक ऐसे चाहिएं जो या तो क्रॉस वोटिंग करें या फिर गलती से कांग्रेस की जगह भाजपा या उसके समर्थित उम्मीदवार को वोट दे दें.

jaipur news, मनमोहन सिंह कांग्रेस
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Published : Aug 12, 2019, 6:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान में भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 13 अगस्त यानी मंगलवार को नामांकन दाखिल करने आ रहे हैं. हालांकि, इन चुनाव को महज औपचारिकता माना जा रहा है, क्योंकि मनमोहन सिंह को जीतने के लिए जितने वोट चाहिए वह खुद कांग्रेस पार्टी के पास है.

राजस्थान से मनमोहन सिंह का जीतना तय

दरअसल, राज्यसभा चुनाव एक फार्मूले के तहत होते हैं. राजस्थान में कुल 200 सदस्य हैं, लेकिन अभी दो विधायक खींवसर से हनुमान बेनीवाल और मंडावा से नरेंद्र कुमार सांसद बन गए हैं. ऐसे में राजस्थान विधानसभा में सदस्यों की संख्या 198 रह गई है. राजस्थान में क्योंकि एक सीट पर राज्यसभा सदस्य का चुनाव होना है ऐसे में एक सदस्य को चुनाव जीतने के लिए जितने विधायकों का वोट चाहिए यह तय करने के लिए कुल विधायकों की संख्या को 2 से विभाजित करके उसमें एक जोड़ दिया जाता है. यानी कि वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में 198 सदस्य हैं. इसे 2 से विभाजित करने पर 99 की संख्या आती है, जिसमें एक जोड़ने पर संख्या 100 हो जाती है.

इसका मतलब यह है कि 1 सीट पर हो रहे उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 100 वोटों की जरूरत होगी. हालांकि अगर चुनाव एक से ज्यादा सीटों पर होता तो उसमें प्राथमिकता के हिसाब से वोट दिया जाता. क्योंकि एक ही सीट पर चुनाव हो रहा है, ऐसे में प्राथमिकता का कोई मतलब नहीं रह जाता. जिस उम्मीदवार को 100 वोट पहली प्राथमिकता के मिल जाएंगे वह जीत जाएगा. हम आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के स्वयं के 100 विधायक हैं और अभी 200 में से 2 सीटें खाली हैं.

पढ़ें: बीजेपी सदस्यता अभियान को मिली गति, अब चला मॉनिटरिंग का दौर

इसलिए 198 सीटों में से एक उम्मीदवार को जीतने के लिए वर्तमान में 100 वोटों की जरूरत होगी. कांग्रेस के पास स्वयं के 100 विधायक मौजूद हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास खुद के दम पर अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरा बहुमत मौजूद है. इसके अलावा हम बात करें तो 13 निर्दलीय विधायकों में से एक मात्र ओम प्रकाश हुड़ला को छोड़कर सभी 12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस के समर्थन में हैं. वहीं, आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग कांग्रेस सरकार में मंत्री है इसके साथ बसपा के भी सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है.

ऐसे में यह संख्या बढ़कर 119 हो गई है. वहीं, कांग्रेस के सामने इस सीट पर जीतने में कोई दिक्कत नहीं दिखाई दे रही है, बशर्ते कि कोई क्रॉस वोटिंग या गलती से भाजपा को वोट ना कर दे. ऐसे में अगर भाजपा कोई उम्मीदवार उतारती है या किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन भी देती है तो उस उम्मीदवार को 20 वोटर ऐसे चाहिए जो या तो क्रॉस वोटिंग करें या फिर गलती से कांग्रेस की जगह भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट दे दें. जिसकी संभावना ना के बराबर लगती है. इस स्थिति में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीतना लगभग तय है.

जयपुर. राजस्थान में भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 13 अगस्त यानी मंगलवार को नामांकन दाखिल करने आ रहे हैं. हालांकि, इन चुनाव को महज औपचारिकता माना जा रहा है, क्योंकि मनमोहन सिंह को जीतने के लिए जितने वोट चाहिए वह खुद कांग्रेस पार्टी के पास है.

राजस्थान से मनमोहन सिंह का जीतना तय

दरअसल, राज्यसभा चुनाव एक फार्मूले के तहत होते हैं. राजस्थान में कुल 200 सदस्य हैं, लेकिन अभी दो विधायक खींवसर से हनुमान बेनीवाल और मंडावा से नरेंद्र कुमार सांसद बन गए हैं. ऐसे में राजस्थान विधानसभा में सदस्यों की संख्या 198 रह गई है. राजस्थान में क्योंकि एक सीट पर राज्यसभा सदस्य का चुनाव होना है ऐसे में एक सदस्य को चुनाव जीतने के लिए जितने विधायकों का वोट चाहिए यह तय करने के लिए कुल विधायकों की संख्या को 2 से विभाजित करके उसमें एक जोड़ दिया जाता है. यानी कि वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में 198 सदस्य हैं. इसे 2 से विभाजित करने पर 99 की संख्या आती है, जिसमें एक जोड़ने पर संख्या 100 हो जाती है.

इसका मतलब यह है कि 1 सीट पर हो रहे उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 100 वोटों की जरूरत होगी. हालांकि अगर चुनाव एक से ज्यादा सीटों पर होता तो उसमें प्राथमिकता के हिसाब से वोट दिया जाता. क्योंकि एक ही सीट पर चुनाव हो रहा है, ऐसे में प्राथमिकता का कोई मतलब नहीं रह जाता. जिस उम्मीदवार को 100 वोट पहली प्राथमिकता के मिल जाएंगे वह जीत जाएगा. हम आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के स्वयं के 100 विधायक हैं और अभी 200 में से 2 सीटें खाली हैं.

पढ़ें: बीजेपी सदस्यता अभियान को मिली गति, अब चला मॉनिटरिंग का दौर

इसलिए 198 सीटों में से एक उम्मीदवार को जीतने के लिए वर्तमान में 100 वोटों की जरूरत होगी. कांग्रेस के पास स्वयं के 100 विधायक मौजूद हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास खुद के दम पर अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरा बहुमत मौजूद है. इसके अलावा हम बात करें तो 13 निर्दलीय विधायकों में से एक मात्र ओम प्रकाश हुड़ला को छोड़कर सभी 12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस के समर्थन में हैं. वहीं, आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग कांग्रेस सरकार में मंत्री है इसके साथ बसपा के भी सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है.

ऐसे में यह संख्या बढ़कर 119 हो गई है. वहीं, कांग्रेस के सामने इस सीट पर जीतने में कोई दिक्कत नहीं दिखाई दे रही है, बशर्ते कि कोई क्रॉस वोटिंग या गलती से भाजपा को वोट ना कर दे. ऐसे में अगर भाजपा कोई उम्मीदवार उतारती है या किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन भी देती है तो उस उम्मीदवार को 20 वोटर ऐसे चाहिए जो या तो क्रॉस वोटिंग करें या फिर गलती से कांग्रेस की जगह भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट दे दें. जिसकी संभावना ना के बराबर लगती है. इस स्थिति में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीतना लगभग तय है.

Intro:पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कल करेंगे राज्यसभा के लिए नामांकन जिनका जीतना तय है जीतने के लिए चाहिए फार्मूले के हिसाब से चाहिए 100 वोट जो खुद कांग्रेस के पास मौजूद भाजपा ने उम्मीदवार उतारा या किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन भी दिया तो भी 20 विधायक ऐसे चाहिए जो करें या तो क्रॉस वोटिंग या फिर गलती से दे दे कांग्रेस की जगह भाजपा या उसके समर्थित उम्मीदवार को वोट


Body:राजस्थान में भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य और प्रदेश अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन से खाली हुई सीट पर उप चुनाव होने जा रहे हैं इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 13 अगस्त मंगलवार को नामांकन दाखिल भी करने आ रहे हैं हालांकि इन चुनाव को महज औपचारिकता माना जा रहा है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जीतने के लिए कितने वोट चाहिए वह खुद कांग्रेस पार्टी के पास है दरअसल राज्य सभा चुनाव एक फार्मूले के तहत होते हैं राजस्थान में कुल 200 सदस्य हैं लेकिन अभी दो विधायक खींवसर हनुमान बेनीवाल और मंडावा से नरेंद्र कुमार सांसद बन गए हैं ऐसे में राजस्थान विधानसभा में सदस्यों की संख्या 198 रह गई है राजस्थान में क्योंकि एक सीट पर राज्यसभा सदस्य का चुनाव होना है ऐसे में एक सदस्य को चुनाव जीतने के लिए कितने विधायकों का वोट चाहिए यह तय करने के लिए कुल विधायकों की संख्या को 2 से विभाजित करके उसमें एक जोड़ दिया जाता है यानी कि वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में 198 सदस्य हैं इसे 2 से विभाजित करने पर 99 की संख्या आती है जिसमें एक जोड़ने पर संख्या शो हो जाती है इसका मतलब यह है कि 1 सीट पर हो रहे उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 100 वोटों की जरूरत होगी हालांकि अगर चुनाव एक से ज्यादा सीटों पर होता तो उसमें प्राथमिकता के हिसाब से वोट दिया जाता क्योंकि एक ही सीट पर चुनाव हो रहा है ऐसे में प्राथमिकता का कोई मतलब नहीं रह जाता जिस उम्मीदवार को 100 वोट पहली प्राथमिकता के मिल जाएंगे वह जीत जाएगा हम आपको बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस के स्वयं के 100 विधायक हैं और अभी 200 में से 2 सीटें खाली है तो 198 सीटों में से एक उम्मीदवार को जीतने के लिए वर्तमान में 100 वोटों की जरूरत होगी कांग्रेस के पास स्वयं के शो विधायक मौजूद है ऐसे में कांग्रेस के पास खुद के दम पर अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरा बहुमत मौजूद है इसके अलावा हम बात करें तो 13 निर्दलीय विधायकों में से एक मात्र ओम प्रकाश हुडला को छोड़कर सभी 12 निर्दलीय विधायक कांग्रेस के समर्थन में हैं तो वही आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग कांग्रेस सरकार में मंत्री है इसके साथ बसपा के भी सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दे रखा है ऐसे में यह संख्या बढ़कर 119 हो गई है ऐसे में कांग्रेस के सामने इस सीट पर जीतने में कोई दिक्कत नहीं दिखाई दे रही है बशर्ते कि कोई क्रॉस वोटिंग या गलती से भाजपा को वोट ना कर दे ऐसे में अगर भाजपा कोई उम्मीदवार उतारती है या किसी अन्य उम्मीदवार को समर्थन भी देती है तो उस उम्मीदवार को 20 वोटर ऐसे चाहिए जो या तो क्रॉस वोटिंग करें या फिर गलती से कांग्रेस की जगह भाजपा समर्थित उम्मीदवार को वोट दे दे जिसकी संभावना ना के बराबर लगती है ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जीतना लगभग तय है



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