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सवालों के घेरे में राजनीतिक नियुक्तियां: उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राज्यपाल को लिखा पत्र, राजनीतिक नियुक्तियां निरस्त करने की मांग

गहलोत सरकार की ओर से हाल में की गई राजनीतिक नियुक्तियों में 11 विधायकों को शामिल करने को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सवाल (Question on Political Appointment) खड़े किए हैं. उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर इन नियुक्तियों को अवैधानिक (Rajendra Rathore wrote letter to Governor) बताया है.

Rajendra Rathod wrote letter to Governor
राठौड़ ने की राजनीतिक नियुक्तियां रद्द करने की मांग
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Published : Feb 12, 2022, 8:02 PM IST

जयपुर. लंबे समय के इंतजार के बाद गहलोत सरकार की ओर से की गई राजनीतिक नियुक्तियां सवालों के घेरे (Question on Political Appointment) में आ गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर (Rajendra Rathore wrote letter to Governor) प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों पर ऐतराज जताया है. राठौड़ ने पत्र के जरिए संविधान के अनुच्छेद 166 और 167 के तहत यह नियुक्तियां अवैधानिक करार दी है.

राजेंद्र राठौड़ ने राज्यपाल कलराज मिश्र को लिखे 4 पेज के पत्र में आंध्र प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और मुंबई हाईकोर्ट के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 166 और 167 के तहत यह नियुक्तियां अवैधानिक हैं. राठौड़ ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह मुख्यमंत्री को नियुक्तियां निरस्त करने के लिए निर्देशित करें.

पढ़ें. Political appointments in Jodhpur: गहलोत ने की जोधपुर में राजनीतिक नियुक्तियां, 24 कार्यकर्ताओं को बनाया सहवृत सदस्य

राठौड़ ने कहा कि अगर कोई सांसद और विधायक किसी लाभ के पद पर आसीन पाया जाता है तो संसद या संबंधित विधानसभा में उसकी सदस्यता को अयोग्य करार दिया जा सकता है. केंद्र सरकार कीओर से जारी अधिसूचना के अनुसार किसी भी विधायक की ओर सरकार में ऐसे लाभ के पद को हासिल नहीं किया जा सकता है. जिसमें सरकारी भत्ते या अन्य शक्तियां मिलती है. जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9(ए) में भी सांसदों व विधायकों को लाभ का पद धारण करने की मनाही है. बावजूद इसके प्रदेश की गहलोत सरकार ने 11 विधायकों को बोर्ड, आयोग में नियुक्ति दी है .

पढ़ें. राजस्थान राजनीतिक नियुक्तियों में CM गहलोत की छाप, पायलट कैंप के केवल 4 नेता...देखिए पूरी लिस्ट

राठौड़ ने कहा कि 21 नवंबर को हुई मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति भी अवैधानिक थी. इसके बाद हाल में 11 विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति दी गई. निर्वाचित जनप्रतिनिधि को लाभ के पद पर नियुक्त नहीं किया सकता. क्योंकि वह पहले से ही लाभ के पद पर चुनकर आए हुए हैं.

सरकार ने इन विधायकों को दी है राजनीतिक नियुक्ति

नामपदसंगठन
महादेव सिंह खण्डेलाअध्यक्ष किसान आयोग
दीपचंद खैरिया उपाध्यक्ष किसान आयोग
रफीक खान अध्यक्ष राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग
खिलाड़ी लाल बैरवा अध्यक्षराजस्थान अनुसूचित जाति आयोग
मेवाराम जैन अध्यक्ष राजस्थान गौ सेवा आयोग
हाकम अली अध्यक्ष राजस्थान वक्फ विकास परिषद
लाखन मीणा अध्यक्षडांग क्षेत्रीय विकास मंडल
जोगेन्द्र अवानाअध्यक्ष देवनारायण बोर्ड
कृष्णा पूनियाअध्यक्ष राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद
लक्ष्मण मीणा अध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग
रमीला खड़ियाउपाध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग

जयपुर. लंबे समय के इंतजार के बाद गहलोत सरकार की ओर से की गई राजनीतिक नियुक्तियां सवालों के घेरे (Question on Political Appointment) में आ गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राज्यपाल कलराज मिश्र को पत्र लिखकर (Rajendra Rathore wrote letter to Governor) प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों पर ऐतराज जताया है. राठौड़ ने पत्र के जरिए संविधान के अनुच्छेद 166 और 167 के तहत यह नियुक्तियां अवैधानिक करार दी है.

राजेंद्र राठौड़ ने राज्यपाल कलराज मिश्र को लिखे 4 पेज के पत्र में आंध्र प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और मुंबई हाईकोर्ट के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 166 और 167 के तहत यह नियुक्तियां अवैधानिक हैं. राठौड़ ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह मुख्यमंत्री को नियुक्तियां निरस्त करने के लिए निर्देशित करें.

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राठौड़ ने कहा कि अगर कोई सांसद और विधायक किसी लाभ के पद पर आसीन पाया जाता है तो संसद या संबंधित विधानसभा में उसकी सदस्यता को अयोग्य करार दिया जा सकता है. केंद्र सरकार कीओर से जारी अधिसूचना के अनुसार किसी भी विधायक की ओर सरकार में ऐसे लाभ के पद को हासिल नहीं किया जा सकता है. जिसमें सरकारी भत्ते या अन्य शक्तियां मिलती है. जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 9(ए) में भी सांसदों व विधायकों को लाभ का पद धारण करने की मनाही है. बावजूद इसके प्रदेश की गहलोत सरकार ने 11 विधायकों को बोर्ड, आयोग में नियुक्ति दी है .

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राठौड़ ने कहा कि 21 नवंबर को हुई मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति भी अवैधानिक थी. इसके बाद हाल में 11 विधायकों को राजनीतिक नियुक्ति दी गई. निर्वाचित जनप्रतिनिधि को लाभ के पद पर नियुक्त नहीं किया सकता. क्योंकि वह पहले से ही लाभ के पद पर चुनकर आए हुए हैं.

सरकार ने इन विधायकों को दी है राजनीतिक नियुक्ति

नामपदसंगठन
महादेव सिंह खण्डेलाअध्यक्ष किसान आयोग
दीपचंद खैरिया उपाध्यक्ष किसान आयोग
रफीक खान अध्यक्ष राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग
खिलाड़ी लाल बैरवा अध्यक्षराजस्थान अनुसूचित जाति आयोग
मेवाराम जैन अध्यक्ष राजस्थान गौ सेवा आयोग
हाकम अली अध्यक्ष राजस्थान वक्फ विकास परिषद
लाखन मीणा अध्यक्षडांग क्षेत्रीय विकास मंडल
जोगेन्द्र अवानाअध्यक्ष देवनारायण बोर्ड
कृष्णा पूनियाअध्यक्ष राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद
लक्ष्मण मीणा अध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग
रमीला खड़ियाउपाध्यक्ष राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग
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