जयपुर. राज्य में चल रहे जल संकट के बीच प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर सरकार की जल प्रबंधन नीति पर सवाल उठाए हैं. राठौड़ ने पत्र लिखते हुए कहा कि, भाखड़ा बांध से राजस्थान के हिस्से का 2 लाख क्यूसेक पानी गलत जल प्रबंधन के कारण पाकिस्तान चला गया. जबकि सीकर, झुंझुनू, चूरू, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर और हनुमानगढ़ में इस भीषण गर्मी में भी लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं.
उन्होंने कहा कि, वर्तमान में चूरू के ग्रामीण और रतन नगर के शहरी क्षेत्र और तारानगर के ग्रामीण और मंडावा के अधिकांश गांवों में आपणी योजना का पानी 72 घंटों में केवल 1 या 2 घंटे ही उपलब्ध हो रहा है. पिछले 7 दिनों से इन क्षेत्रों में तापमान 40 से 49 डिग्री तक बना हुआ है. पेयजल की कमी के कारण लोगों को पीने का पानी भी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार इस ओर भी विशेष ध्यान दें, ताकि लोगों को इस गर्मी के मौसम में पेयजल की विकट स्थिति का सामना न करना पड़े.
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राजेंद्र राठौड़ ने लिखा कि, झुंझुनू और सीकर के 20 से ज्यादा गांवों और शहरों में करीब 30 लाख से अधिक लोगों को आपणी योजना के माध्यम से धन्नासर और करमसाना हेड रेगुलेटर को इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अंतर्गत पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन उसकी स्थिति वर्तमान में काफी खराब है.
ऐसे में आपणी योजना में मुख्यतः करसाना हेड रेगुलेटर से इंदिरा गांधी नहर परियोजना का पानी चूरु तहसील के 107 गांवों, तारानगर तहसील में मंडावा के 85 गांवों सहित चूरू, तारानगर, रतन नगर, मंडावा, बिसाऊ में शहरी आबादी सहित कुल 16 लाख लोगों को पीने के लिए उपलब्ध कराया जाता है.