जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने दिशाहीन, विकासविहीन और पूर्ण रूप से निराशाजनक करार दिया. अभिभाषण पर बहस में शामिल होते हुए राठौड़ ने अपने संबोधन में जहां केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई तो वहीं प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया. राठौड़ के संबोधन के दौरान भी राहुल गांधी के राजस्थान दौरे का जिक्र हुआ.
किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर कांग्रेस करना चाह रही चुनावी वैतरणी पार
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि हमारे लोकतंत्र में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को कानून बनाने का अधिकार है, लेकिन प्रदेश सरकार ने किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर अपनी चुनावी वैतरणी पार करने के लिए केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ विधानसभा में जो कानून बनाए वह सीधे तौर पर लोकतंत्र के संघीय ढांचे में दी गई व्यवस्था के खिलाफ है. प्रदेश सरकार को कम से कम इससे पहले कानूनविदों से राय ले लेना चाहिए. राठौड़ ने कहा कि मौजूदा केंद्रीय कृषि कानून के लागू होने से ना मंडियों की व्यवस्था बदलेगी और ना एमएसपी की पुरानी व्यवस्था में कोई बदलाव होगा.
राहुल गांधी सोहनलाल के परिवार के यहां भी जाएं
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजस्थान की धरती पर आ रहे हैं, लेकिन पीलीबंगा के ठीकरी गांव में भी जाएं जहां कर्जा माफी का वादा पूरा नहीं होने पर किसान सोहनलाल ने आत्महत्या की थी. साथ ही एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें आत्महत्या का कारण संपूर्ण कर्ज माफी नहीं होना बताते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा कि केवल राजनीतिक आधार पर किसी भी कानून का विरोध करना ठीक नहीं है, जिस तरह केंद्रीय कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है.
राम मंदिर, धारा 370 और 35a का भी किया जिक्र
राजेंद्र राठौड़ ने अपने संबोधन के दौरान केंद्र के मोदी सरकार के कार्यकाल में लिए गए उन तमाम बड़े निर्णय का भी जिक्र किया, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था. राठौड़ ने कहा कि पाक विस्थापित हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने का मामला हो या फिर जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35a हटाने का कानून कांग्रेस ने हर बार उसका विरोध किया, लेकिन क्या हुआ.
राठौड़ ने कहा कि करीब 400 वर्षों से राम मंदिर के निर्माण का इंतजार था जो मोदी सरकार के कार्यकाल में इसकी नींव अयोध्या में रखी गई. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के ही नेता कपिल सिब्बल ने रामसेतु मामले में एफिडेविट भी दिया था. नासा के वैज्ञानिकों ने शोध किया और माना कि राम सेतु मानव निर्मित है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर साधा निशाना
राजेंद्र राठौड़ ने सदन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर मैंने मुख्यमंत्री का भाषण सुना, जिसमें वह कह रहे थे कि आज देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है. संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो रही है और तो और उन्होंने न्यायपालिका को भी नहीं छोड़ा. लेकिन एक समय यह भी था जब देश में 18 महीने का आपातकाल लगा, लेकिन मुख्यमंत्री वह भूल गए.
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संबोधन के दौरान राजेंद्र राठौड़ व्यंगात्मक चुटकी लेने से भी नहीं चूके. उन्होंने कहा कि सदन में मुझे जैसे शरीफ लोग भी हैं जो संयम लोढ़ा जैसे विधायक जब जोर से बोलते हैं तो हिलने लगते हैं. राठौड़ ने कहा कि कोई तो कारण होगा कि जो पार्टी कभी पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण में राज किया करती थी, आज देश के साढ़े 3 प्रदेशों में सिमट कर रह गई है.
बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर बोले राठौड़
सदन में राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए लगातार बढ़ रहे अपराधों के आंकड़ों को गिनाया. राठौड़ ने साल 2018 और साल 2020 के आपराधिक आंकड़ों को तुलनात्मक रूप से सदन में भी रखा और कहा कि बीते 2 साल में यह आंकड़े काफी बढ़ गए जो इस बात का सबूत है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार खराब हो रही है.
राठौड़ के अनुसार राजस्थान में आम आदमी दहशतगर्दी की जिंदगी जीने को मजबूर है और पुलिस का आमजन में नहीं अपराधियों में विश्वास बढ़ गया है. इस दौरान पिछले दिनों हुई आपराधिक घटनाओं का भी जिक्र किया और यह तक कह दिया कि राजस्थान में आज ना मंदिर सुरक्षित है और ना ही उसके अंदर रखी मूर्तियां और पुजारी.
दागी पुलिस अधिकारियों को फील्ड में पोस्टिंग देने का मसला उठाया
राजेंद्र राठौड़ ने इस दौरान कई पुलिस अधिकारियों के नाम लेकर उन्हें दागी करार दिया और यह तक कह दिया कि आखिर सरकार ने दागी पुलिस अधिकारियों को फील्ड में पोस्टिंग कैसे दें. राजेंद्र राठौड़ ने उदयपुर आईजी का भी जिक्र किया और पूर्व में अलग-अलग वर्षों में निकाले गए उन परिपत्रों का भी उल्लेख किया जिसमें दागी अधिकारियों को फील्ड में पोस्टिंग नहीं देने का उल्लेख था. राठौड़ ने कहा कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में भी राजस्थान की स्थिति बेहद खराब है. इसके तहत हुए सर्वे में राजस्थान के 71 फीसदी लोग मानते हैं कि बिना रिश्वत के यहां काम नहीं होता.
ब्याज माफियाओं पर अंकुश के लिए साहूकारी अधिनियम लागू करो
प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ ने अपने संबोधन के दौरान प्रदेश में ब्याज माफिया और सूदखोरों के कारण लगातार हो रही आत्महत्याओं के प्रकरण का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राजस्थान में साहूकारी लागू करेंगे तो कम से कम ब्याज का धंधा करने वाले लोगों पर लगाम कसी जा सकेगी.
राठौड़ ने किसान कर्ज माफी का वादा भी प्रदेश सरकार को याद दिलाया और कहा कि अब तक संपूर्ण कर्ज माफी किसानों की राजस्थान में नहीं हो पाई है. बढ़ते बिजली के बिलों की तरफ भी राठौड़ ने ध्यान आकर्षित किया. सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करेंगे, लेकिन बीते 2 साल में तीन बार अलग-अलग तरीके से बिजली के बिलों में बढ़ोतरी कर दी गई.
पेट्रोल-डीजल पर एक बार कम किया वैट... 3 बार बढ़ाया
राजस्थान में पेट्रोल डीजल की बढ़ती दरों को लेकर भी प्रदेश की गहलोत सरकार को निशाना साधा और कहा कि सरकार बनने के बाद 3 बार वैट की दरों में बढ़ोतरी की गई और कुल मिलाकर पेट्रोल और डीजल पर 10 से 12 फीसदी तक वैट में इजाफा किया गया. लेकिन राहत के नाम पर महज 2 फीसदी ही कम किया गया. राठौड़ ने यह भी कहा कि आर्थिक कुप्रबंधन के चलते प्रदेश की गहलोत सरकार आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रही है.