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लंबित मांगों को लेकर विभिन्न समाज सड़कों पर लेकिन गहलोत सरकार ने मूंद रखी हैं आंखें: राजेंद्र राठौड़

राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर हमला बोला है. राठौड़ ने बयान जारी कर कहा कि गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विभिन्न समाजों के लोग सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनका मंत्रिमंडल आंखें बंद कर सत्ता के मद में चूर है.

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राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर हमला बोला
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Published : Mar 24, 2021, 9:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विभिन्न समाजों के लोग सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनका मंत्रिमंडल आंखें बंद कर सत्ता के मद में चूर है.

पढ़ें: प्यार के दुश्मन! 'हम दोनों साथ में रहना चाहते हैं और वो हमको अलग करना चाह रहे', सुरक्षा की गुहार

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि ब्राह्मण समाज और साधुसंत विप्र कल्याण बोर्ड का वादा याद दिलाने के लिए सड़कों पर बैठे हुए हैं. वहीं जैन समाज के लोग 25 अप्रैल महावीर जयंती के दिन रीट की परीक्षा नहीं करने के लिए धरने पर बैठे हैं. विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर बेरोजगार युवा हताश है, आंदोलनरत है. अल्पसंख्यक वर्ग के लोग भी अपना असंतोष सरकार के आगे रख रहे हैं, लेकिन इन सभी गंभीर मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के पास इन लोगों से मिलने तक का समय नहीं है. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व बहुत गम्भीर विषय है.

राठौड़ ने कहा कि ब्राह्मण समाज व साधु संत जयपुर स्थित सिविल लाइंस फाटक पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं और पचास मीटर दूर ही मंत्रियों के बंगले हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बावजूद उन्होंने इनसे मिलना तक उचित नहीं समझा जा रहा है. जनघोषणा पत्र में विप्र कल्याण बोर्ड का गठन करने का वादा करने वाली सरकार ने 26 माह गुजरने के बाद भी इसका गठन नहीं किया. ब्राह्मण समाज को वर्ष 2021 में राज्य के बजट सत्र में विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की पूरी उम्मीद थी. लेकिन सरकार ने तब भी कोई घोषणा नहीं की जिससे समाज में असंतोष व्याप्त है.

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा रीट 25 अप्रैल महावीर जयंती के दिन आयोजित करवाना तय किया है. जिसे बदलने की मांग को लेकर जैन समाज के लोग शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं. प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार को ज्ञापन दे रहे हैं. लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. राठौड़ ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार की नीतियों से हर वर्ग, हर समुदाय, हर व्यक्ति त्रस्त है और वादाखिलाफी वाली सरकार जनता से किए अपने वादों को पूरा नहीं कर उनके साथ धोखा कर रही है.

राठौड़ ने कहा कि सरकार का कोई प्रतिनिधि विभिन्न समाजों की उचित मांगों के लिए सकारात्मक पहल नहीं करना चाहता. बात भी नहीं करना चाहता जो गम्भीर विषय है. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संवेदनशीलता दिखाते हुए स्वयं ध्यान देना चाहिए. सरकार जिन वादों की घोषणा कर सत्ता में आयी उनको ही पूरा नहीं कर रही है तो अब नयी घोषणा करके जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है. जनता आगामी उपचुनाव में कांग्रेस को आइना दिखा देगी.

कालीचरण सराफ में लिखा अशोक गहलोत को पत्र

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए पात्र अभ्यर्थियों को राहत देते हुए प्रक्रियाधीन भर्ती परीक्षाओं के फॉर्म रिओपन करने की मांग की है. ताकि आयु छूट का लाभ वंचित अभ्यर्थियों को भी मिल सके.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि गहलोत सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर विभिन्न समाजों के लोग सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनका मंत्रिमंडल आंखें बंद कर सत्ता के मद में चूर है.

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राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि ब्राह्मण समाज और साधुसंत विप्र कल्याण बोर्ड का वादा याद दिलाने के लिए सड़कों पर बैठे हुए हैं. वहीं जैन समाज के लोग 25 अप्रैल महावीर जयंती के दिन रीट की परीक्षा नहीं करने के लिए धरने पर बैठे हैं. विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर बेरोजगार युवा हताश है, आंदोलनरत है. अल्पसंख्यक वर्ग के लोग भी अपना असंतोष सरकार के आगे रख रहे हैं, लेकिन इन सभी गंभीर मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के पास इन लोगों से मिलने तक का समय नहीं है. जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व बहुत गम्भीर विषय है.

राठौड़ ने कहा कि ब्राह्मण समाज व साधु संत जयपुर स्थित सिविल लाइंस फाटक पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं और पचास मीटर दूर ही मंत्रियों के बंगले हैं, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसके बावजूद उन्होंने इनसे मिलना तक उचित नहीं समझा जा रहा है. जनघोषणा पत्र में विप्र कल्याण बोर्ड का गठन करने का वादा करने वाली सरकार ने 26 माह गुजरने के बाद भी इसका गठन नहीं किया. ब्राह्मण समाज को वर्ष 2021 में राज्य के बजट सत्र में विप्र कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की पूरी उम्मीद थी. लेकिन सरकार ने तब भी कोई घोषणा नहीं की जिससे समाज में असंतोष व्याप्त है.

राठौड़ ने कहा कि सरकार ने राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा रीट 25 अप्रैल महावीर जयंती के दिन आयोजित करवाना तय किया है. जिसे बदलने की मांग को लेकर जैन समाज के लोग शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं. प्रदेशभर में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार को ज्ञापन दे रहे हैं. लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. राठौड़ ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार की नीतियों से हर वर्ग, हर समुदाय, हर व्यक्ति त्रस्त है और वादाखिलाफी वाली सरकार जनता से किए अपने वादों को पूरा नहीं कर उनके साथ धोखा कर रही है.

राठौड़ ने कहा कि सरकार का कोई प्रतिनिधि विभिन्न समाजों की उचित मांगों के लिए सकारात्मक पहल नहीं करना चाहता. बात भी नहीं करना चाहता जो गम्भीर विषय है. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संवेदनशीलता दिखाते हुए स्वयं ध्यान देना चाहिए. सरकार जिन वादों की घोषणा कर सत्ता में आयी उनको ही पूरा नहीं कर रही है तो अब नयी घोषणा करके जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है. जनता आगामी उपचुनाव में कांग्रेस को आइना दिखा देगी.

कालीचरण सराफ में लिखा अशोक गहलोत को पत्र

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए पात्र अभ्यर्थियों को राहत देते हुए प्रक्रियाधीन भर्ती परीक्षाओं के फॉर्म रिओपन करने की मांग की है. ताकि आयु छूट का लाभ वंचित अभ्यर्थियों को भी मिल सके.

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