जयपुर. प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच में सरकारी स्तर पर संचालित क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सवाल उठाया है. विधानसभा में कोविड-19 प्रबंधन पर हुई चर्चा में बोलते हुए राजेंद्र राठौड़ ने ये तक कह दिया कि अब प्रदेश के लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर को यातना केंद्र के रूप में देखने लगे हैं.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में 15 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें पता नहीं कि वह कहां से संक्रमित हुए हैं. राठौड़ के अनुसार यह काफी गंभीर बात है क्योंकि संक्रमण होने का केंद्र भी पता नहीं चल पा रहा है. राठौड़ के अनुसार आज भी प्रदेश में कोविड-19 की जांच रिपोर्ट को लेकर गफलत की स्थिति है.
उन्होंने उदाहरण दिया कि उनके क्षेत्र में 5 लोगों के पास मैसेज आया कि वह कोविड-19 पॉजिटिव है. लेकिन उन्होंने टेस्ट नहीं कराया मतलब गलती कहीं ना कहीं है. राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि कोविड-19 की स्क्रीनिंग के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है, जो कि मैं खुद भुक्तभोगी हूं. चूरू में मेरे निवास पर मेडिकल डिपार्टमेंट के कुछ लोग आए और दूर से ही सब के नाम और पते पूछने लगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या कारण है, तो उन्होंने कहा हम स्क्रीनिंग करने आए हैं.
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'क्वॉरेंटाइन सेंटर के हालात खराब, लोग कर रहे आत्महत्या'
राठौड़ ने सदन में यह भी कहा कि नियम है कि जो व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है, उसके परिवार के 1 सदस्यों को अस्पताल में उसकी मदद के लिए रखा जा सकता है. लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हो रहा. यहां तो परिवार के लोगों को भी जानकारी नहीं होती कि उनका सदस्य कहां गया और किस हालात में है.
उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा की क्वॉरेंटाइन सेंटर में खाने की व्यवस्था सही नहीं, रहने की और शौचालय की व्यवस्था भी सही नहीं, इससे रोगी मानसिक अवसाद में आ रहे हैं. राठौड़ ने इस दौरान जयपुर के आरयूएचएस अस्पताल का भी जिक्र किया. जहां पर रोगी ने अवसाद में आकर आत्महत्या तक कर ली थी.
बिजली बिल और पेट्रोल डीजल के दामों पर सरकार को घेरा
राजेंद्र राठौड़ ने अपने संबोधन के दौरान प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को मिल रहे बढ़े हुए बिलों के मामले में भी सरकार को घेरा. साथ ही पेट्रोल और डीजल की दरों में वैट की बढ़ोतरी को लेकर भी सरकार पर कटाक्ष किया. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोरोना काल के दौरान ही सरकार ने पेट्रोल डीजल की दरों में 2 बार इजाफा कर दिया.
अगर प्रदेश सरकार चाहती तो वैट की दरों में कम करके प्रदेश की जनता को राहत दे सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया. वहीं, बिजली के भारी भरकम बिलों से भी प्रदेश की जनता को इस संकट के समय में कोई राहत प्रदेश सरकार ने नहीं दी. अपने संबोधन के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने केंद्र सरकार की योजनाओं को भी गिनाया और केंद्र सरकार की मदद का भी बखान किया, जो केंद्र सरकार ने कोरोना काल में प्रदेश सरकार की मदद की है.