जयपुर. पेट्रोल और डीजल की दरों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश में सियासत गर्म है. कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन किया, तो प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने उस पर पलटवार करते हुए प्रदेश सरकार को आईना दिखा दिया.
राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार पर आरोप लगाने से पहले कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके, क्योंकि गहलोत सरकार ने 1 साल 7 माह के कार्यकाल में ही 4 बार पेट्रोल और डीजल पर वैट में बढ़ोतरी की है. राठौड़ ने एक बयान जारी कर कांग्रेस के धरना प्रदर्शन को फीका और नौटंकी करार दिया. साथ ही यह भी कहा कि कोरोना महामारी के बीच इस प्रकार के प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई गई. राठौड़ ने इस दौरान बकायदा गहलोत सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल डीजल पर हुई बढ़ोतरी के आंकड़े भी रखे.
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गहलोत सरकार के कार्यकाल में इस तरह हुई वैट में बढ़ोतरी
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल पर वैट 26 फीसदी और डीजल पर 18 फीसदी था. मौजूदा सरकार की ओर से 5 जुलाई 2019 को पेट्रोल और डीजल पर 4 प्रतिशत वैट बढ़ा दिया गया. इसके बाद फिर गहलोत सरकार ने 21 मार्च 2020 को वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान पेट्रोल और डीजल पर वैट बढ़ाकर जनता को महंगाई की आग में झोंकने का काम किया.
राठौड़ के अनुसार इसके बाद तीसरी बार 15 अप्रैल को पेट्रोल पर 2 फीसदी और डीजल पर 1 फीसदी वैट बढ़ाया गया. वहीं, 7 मई 2020 को चौथी बार वैट बढ़ा कर पेट्रोल पर 2 फीसदी और डीजल पर 1 प्रतिशत का इजाफा किया गया. राठौड़ के अनुसार प्रदेश की कांग्रेस सरकार के अब तक के कार्यकाल में पेट्रोल पर 12 प्रतिशत और डीजल पर 10 प्रतिशत रिकॉर्ड वैट की बढ़ोतरी की गई है.
राजेंद्र राठौड़ का यह भी आरोप था कि पेट्रोल और डीजल पर पूर्व में बीजेपी सरकार की ओर से लगाए गए सेस (उपकर) को वैट के दायरे में भाजपा शासनकाल में नहीं लिया गया था. जबकि कांग्रेस के शासनकाल में पेट्रोल पर लगे 1 रुपये 50 पैसे और डीजल पर 1 रुपये पर 75 पैसे पर भी वर्तमान समय में क्रमश 38 फीसदी और 28 फीसदी अतिरिक्त वैट भी लिया जा रहा है.
जिससे सेस की राशि भी बढ़कर पेट्रोल पर प्रति लीटर 2 रुपए और डीजल पर प्रति लीटर 2.25 पैसे हो गई है. इस प्रकार राज्य सरकार की ओर से पेट्रोल पर प्रति लीटर वैट की राशि मिलाकर लगभग 30 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21 रुपये प्रति लीटर की राशि, तो सिर्फ राज्य सरकार उपभोक्ताओं से वसूल कर रही है. राठौड़ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि अगर यह राशि कम कर ली जाए तो आम जनता को राहत मिल सकती है.