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देवनानी के बाद राठौड़ ने भी की सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म बदलने के निर्णय की खिलाफत - Decision to change uniform

भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी के बाद उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी विद्यार्थियों के यूनिफॉर्म के निर्णय की खिलाफत की है. उन्होंने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए इस निर्णय को एक सत्र के लिए स्थगित किया जाए.

Rajasthan BJP News,  BJP demands from Gehlot government
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़
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Published : Sep 16, 2020, 6:49 PM IST

जयपुर. हाल ही में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की यूनिफार्म बदलने के निर्णय को लेकर प्रदेश की सियासत गरम है. कुछ दिनों पहले पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने सरकार के इस निर्णय की खिलाफत की थी और अब उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी इस निर्णय के विरोध में है. राठौड़ ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए इस निर्णय को एक सत्र के लिए स्थगित किया जाए.

  • इस निर्णय से 75 लाख बच्चों के अभिभावकों पर 470 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा जबकि वैश्विक महामारी #COVID19 में आम उपभोक्ता की आर्थिक स्थिति पहले ही डगमगाई हुई है। शिक्षा मंत्री से मांग है कि इस निर्णय को एक सत्र के लिए स्थगित किया जाए। @GovindDotasra @BSBhatiInc @ashokgehlot51

    — Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) September 16, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राजेंद्र राठौड़ ने एक ट्वीट कर प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री से यह मांग की. राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा कि जो निर्णय सरकार ने लिया है वह अभिभावकों की मुसीबतें बढ़ाने वाला है. उन्होंने लिखा कि इन विद्यालयों में मध्यमवर्गीय परिवारों से आने वाले विद्यार्थी पढ़ते हैं, जो आर्थिक संकट के कारण फीस चुकाने में भी असमर्थ रहते हैं.

  • कोरोना प्रकोप से जूझते प्रदेश में सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर रोक हटाई है। कोरोना के इस विकट समय में विधायकों को खुश करने के लिए तबादला उद्योग को छूट देकर प्रारंभ करना कतई उचित नहीं है। सरकार पुनः इस पर विचार करें।@ashokgehlot51

    — Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) September 16, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- 3 साल में सरकारी स्कूलों की यूनिफॉर्म बदलना तुगलकी फरमान : पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के अनुसार इस निर्णय से 75 लाख बच्चों के अभिभावकों पर 470 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा. जबकि वैश्विक महामारी कोविड-19 में आम उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति पहले ही डगमगाई हुई है. ऐसे में शिक्षा मंत्री से मांग है कि इस निर्णय को एक सत्र के लिए स्थगित करें.

'स्प्रेड को रोकने के लिए लॉकडाउन की आवश्यकता'

राजेन्द्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर प्रदेश में कोरोना के बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की आवश्यकता जताई है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना प्रकोप से जूझते प्रदेश में सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर रोक हटाई है. कोरोना के इस विकट समय में विधायकों को खुश करने के लिए तबादला उद्योग को छूट देकर प्रारंभ करना कतई उचित नहीं है. सरकार पुनः इस पर विचार करें.

जयपुर. हाल ही में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की यूनिफार्म बदलने के निर्णय को लेकर प्रदेश की सियासत गरम है. कुछ दिनों पहले पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने सरकार के इस निर्णय की खिलाफत की थी और अब उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी इस निर्णय के विरोध में है. राठौड़ ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए इस निर्णय को एक सत्र के लिए स्थगित किया जाए.

  • इस निर्णय से 75 लाख बच्चों के अभिभावकों पर 470 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा जबकि वैश्विक महामारी #COVID19 में आम उपभोक्ता की आर्थिक स्थिति पहले ही डगमगाई हुई है। शिक्षा मंत्री से मांग है कि इस निर्णय को एक सत्र के लिए स्थगित किया जाए। @GovindDotasra @BSBhatiInc @ashokgehlot51

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राजेंद्र राठौड़ ने एक ट्वीट कर प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री से यह मांग की. राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा कि जो निर्णय सरकार ने लिया है वह अभिभावकों की मुसीबतें बढ़ाने वाला है. उन्होंने लिखा कि इन विद्यालयों में मध्यमवर्गीय परिवारों से आने वाले विद्यार्थी पढ़ते हैं, जो आर्थिक संकट के कारण फीस चुकाने में भी असमर्थ रहते हैं.

  • कोरोना प्रकोप से जूझते प्रदेश में सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर रोक हटाई है। कोरोना के इस विकट समय में विधायकों को खुश करने के लिए तबादला उद्योग को छूट देकर प्रारंभ करना कतई उचित नहीं है। सरकार पुनः इस पर विचार करें।@ashokgehlot51

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पढ़ें- 3 साल में सरकारी स्कूलों की यूनिफॉर्म बदलना तुगलकी फरमान : पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के अनुसार इस निर्णय से 75 लाख बच्चों के अभिभावकों पर 470 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा. जबकि वैश्विक महामारी कोविड-19 में आम उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति पहले ही डगमगाई हुई है. ऐसे में शिक्षा मंत्री से मांग है कि इस निर्णय को एक सत्र के लिए स्थगित करें.

'स्प्रेड को रोकने के लिए लॉकडाउन की आवश्यकता'

राजेन्द्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर प्रदेश में कोरोना के बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन की आवश्यकता जताई है. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना प्रकोप से जूझते प्रदेश में सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों पर रोक हटाई है. कोरोना के इस विकट समय में विधायकों को खुश करने के लिए तबादला उद्योग को छूट देकर प्रारंभ करना कतई उचित नहीं है. सरकार पुनः इस पर विचार करें.

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