जयपुर. आमतौर पर चावल और गेहूं की भूसी को खुली जगह पर फेंक दिया जाता है या फिर इसे जला दिया जाता है, लेकिन हवा चलने पर इससे सांस लेने और आंखों में काफी परेशानी होती है. यही नहीं इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचता है. लेकिन मुंबई के कुछ किसानों ने इस समस्या का समाधान अपने इनोवेशन से निकाला है. मुंबई के किसान संतरे के छिलकों के साथ चावल और गेहूं की भूसी मिलाकर रियूजेबल डिस्पोजल गिलास बना रहे हैं. जो न सिर्फ सिंगल यूज प्लास्टिक का सब्सीट्यूट बन कर सामने है बल्कि पर्यावरण के नजरिए से भी सही है. यही नहीं आकर्षक और रियूजेबल होने के चलते लोग इसे खासा पसंद भी कर रहे हैं.
राजधानी जयपुर में इन रियूजेबल गिलास को जयपुर के दो युवा रेस्टोरेंट संचालक रजत और परमवीर ने इंट्रोड्यूस किया है. 1 जुलाई से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक (Single use plastic) बैन होने वाला है. इसे ध्यान में रखते हुए लोग प्लास्टिक का विकल्प तलाशने में जुटे हुए हैं, लेकिन जयपुर के एक रेस्टोरेंट संचालकों ने काफी समय पहले ही प्लास्टिक डिस्पोजल बंद करते हुए पेपर कप और रियूजेबल गिलास में सर्व करना शुरू कर दिया था. रेस्टोरेंट संचालक रजत ने बताया कि करीब 1 साल पहले मुंबई में एक एग्जीबिशन में जाना हुआ. जहां संतरे के छिलकों से बने रियूजेबल गिलास देखने को मिले. इसके बाद इसकी फैक्ट्री विजिट की, जहां ऑरेंज पील के अलावा इसमें राइस हस्क और वीट हस्क भी मिलाया जा रहा था. जिन्हें पर्यावरण के नजरिए से उपयुक्त मानते हुए इस्तेमाल करना शुरू किया.
उन्होंने बताया कि जयपुर में इसे अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. काफी लोग इसकी सराहना कर रहे हैं. हालांकि पहले की तुलना में ये डिस्पोजल काफी महंगे पड़ रहे हैं, लेकिन मार्केट में कुछ नया लाने के लिए इसे इंट्रोड्यूस किया गया ताकि किसानों और दूसरे रेस्टोरेंट संचालकों में जागरूकता पैदा हो. ऑरेंज पील डिस्पोजल के अलावा इनके रेस्टोरेंट में पेपर कप, पेपर स्ट्रॉ, वुडन फोग, और दूसरे पेपर डिस्पोजल इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इनका दावा है कि 70 से 80 फीसदी पैकेजिंग रियूजेबल है.
रेस्टोरेंट संचालक परमजीत ने बताया कि इस डिस्पोजल को मल्टीपल टाइम यूज किया जा सकता है और ये 100 फीसदी रीसाइकेबल है. इसे कुछ लोग घर ले जाकर प्लांटेशन में भी इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये मुंबई के किसानों का आइडिया है, लेकिन अब इस आइडिया को राजस्थान के किसानों तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा. वहीं, रेस्टोरेंट में पहुंचने वाले लोग भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं. ये न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छा है बल्कि रियूजेबल होने के चलते लोग इन्हें अपने साथ घर भी ले जा रहे हैं.
बहरहाल, रजत और परमजीत के 12 से ज्यादा आउटलेट्स पर इको फ्रेंडली रियूजेबल गिलास और दूसरे पेपर डिस्पोजल को यूज किया जा रहा है. ये न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं, बल्कि राजस्थान के किसानों तक भी इस आइडिया को ले जाने की तैयारी कर रहे हैं.