जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) के स्नातकोत्तर विभागों में पीएचडी (PHD) और एमफिल (MPhil) के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली एमफिल एण्ड पीएचडी इंट्रेस टेस्ट की परीक्षा दो सालों से नहीं हो पाई है.
विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर करने वाले विद्यार्थियों को दूसरे विश्वविद्यालयों में जाकर शोध कार्य करने पड़ रहे हैं. कई विद्यार्थियों की जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
राजस्थान विश्वविद्यालय में एमफिल एण्ड पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट (MPhil and PhD Entrance Test) का आयोजन बीते दो सत्रों में नहीं होने के बाद दोनों सालों की प्रवेश परीक्षा एक साथ करवाने की कवायद इस साल मार्च में शुरू की गई थी. कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) में शिक्षण संस्थान बंद होने से एक बार फिर परीक्षा खटाई में पड़ती दिख रही है.
शोध छात्रों की बढ़ीं परेशानियां
सज्जन सैनी का कहना है कि राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) प्रदेश का सबसे पुराना और बड़ा विश्वविद्यालय है. एमपेट नहीं होने से रिसर्च स्कॉलर्स की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. कई बार कुलपति और कन्वीनर से बात कर मांग की गई, लेकिन दो सत्रों से इस परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ है.
परीक्षा का नियमित आयोजन हो तो विश्वविद्यालय के ग्रेडिंग सिस्टम (Grading System) में सुधार होगा और विद्यार्थियों को भी फायदा होगा. एक बड़ी समस्या यह है कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के विद्यार्थियों को रिसर्च (Research) में प्रवेश लेना होता है. दो सालों से ज्यादा समय बीतने के बाद फेलोशिप (Fellowship) निरस्त होने का भी खतरा रहता है. इसलिए कई विद्यार्थी दूसरे विश्वविद्यालयों में रिसर्च में प्रवेश लेने को मजबूर हैं.
जयपुर के विद्यार्थियों का कहना है कि 2019 और 2020 में एमपेट नहीं हुई थी. ऐसे में अब 2021 में दो साल की एमपेट का आयोजन एक साथ करवाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका फायदा मिल सके.