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25.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ राजस्थान देश में दूसरे पायदान पर, बेरोजगारों ने की लंबित भर्तियां पूरी करवाने की मांग

बेरोजगारी के ताजा आंकड़े राजस्थान के युवाओं के साथ ही हर तबके के लोगों को चिंता बढ़ा रहे हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार 25.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ राजस्थान देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है. राजस्थान के बेरोजगारों का कहना है कि सरकारी नौकरियों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करवाकर सरकार को जल्द नियुक्ति देनी चाहिए और स्किल डवलपमेंट के माध्यम से निजी क्षेत्रों में नौकरियों के लिए युवाओं को ट्रेनिंग मुहैया करवानी चाहिए.

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Published : Mar 31, 2021, 5:50 PM IST

Updated : Mar 31, 2021, 10:14 PM IST

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राजस्थान की बेरोजगारी दर

जयपुर. बेरोजगारी दर का लगातार बढ़ता आंकड़ा राजस्थान के युवाओं को चिंतित कर रहा है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी का ताजा सर्वे बताता है कि राजस्थान 25.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर है. इस मामले में हरियाणा 26.4 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में पहले पायदान पर है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वे इन आंकड़ों पर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को न केवल सरकारी नौकरियों की भर्ती को लेकर युवाओं से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए बल्कि स्किल डवलपमेंट कार्यक्रमों के माध्यम से निजी क्षेत्र की नौकरियों के लिए युवाओं को ट्रेनिंग भी देनी चाहिए.

पढे़ं: कोरोना समीक्षा बैठक में बोले CM गहलोत, कहा- दूसरी लहर से बचाव के लिए कड़े कदम जरूरी

उपेन यादव ने कहा कि न केवल सरकारों बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियों को भी गंभीरता के साथ बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान देना होगा. युवाओं का विकास होगा तभी देश का विकास संभव है. बेरोजगारी के लगातार बढ़ते आंकड़ों से युवा अवसाद में जा रहा है और कई युवा खुदकुशी करने को मजबूर हैं. लंबे समय से राज्य सरकार के कई विभागों में भर्तियां अटकी हुई हैं. युवाओं से वादे कर उन्हें सपने दिखाए जाते हैं. लेकिन बेरोजगारों का सपना टूटता नजर आ रहा है.

राजस्थान में बेरोजगारी दर 25.6 फीसदी

कहीं भारत को बेरोजगारों को देश ना कहा जाने लगे

उन्होंने कहा कि भारत को युवाओं का देश कहा जाता है. लेकिन ऐसे ही हालात रहे तो कहीं ऐसा ना हो कि भारत को बेरोजगारों का देश कहा जाने लगे. अब इसमें सुधार की जरूरत है. सरकारी नौकरियों के साथ ही निजी क्षेत्रों में रोजगार मुहैया करवाने की दिशा में भी सरकार को ध्यान देना होगा. राजनीतिक पार्टियां चुनाव के समय युवाओं से बड़े-बड़े वादे करती हैं. लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती. वोट की फसल बटोरने का बाद राजनीतिक पार्टियां युवाओं से किए गए वादे भूल जाती हैं. इस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए. जो पार्टी अपने वादों पर खरा नहीं उतरती हैं. उन पर चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. यह पार्टी विशेष का नहीं बल्कि देश का मामला है.

उपेन यादव ने कहा कि देश में बेरोजगारी दर के लिहाज से राजस्थान का दूसरे नंबर पर आना बहुत ही चिंताजनक है. राज्य सरकार को हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान में भी निजी क्षेत्रों में युवाओं को नौकरियां मुहैया करवाने की दिशा में नीति निर्धारण करना चाहिए. सरकारी हो या निजी क्षेत्र पहले राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए. हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग वह लंबे समय से कर रहे हैं.

राजस्थान बेरोजगारी में नंबर 2

समय पर भर्ती करवाने के लिए तय हो जिम्मेदारी

इसके अलावा नौकरियों के संबंध में की गई घोषणाओं को समय पर पूरा करने की मांग भी प्रदेश के बेरोजगारों ने उठाई है. निजी क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर मुहैया करवाने के लिए उन्होंने युवाओं के लिए खास ट्रेनिंग मुहैया करवाने की भी मांग उठाई है. सरकारी नौकरी का विज्ञापन जारी होने से नियुक्तियों तक लंबा समय लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पेपर लीक, फर्जी डिग्री जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसके लिए कड़े कानून बनने चाहिए. कई भर्तियां 2013 से आज तक लंबित हैं. ऐसे में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

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बेरोजगारी दर में हरियाणा पहले नंबर पर

पेपर लीक के मामले में पकड़े जाने वाले जेल से छूट जाते हैं. ऐसे मामलों के लिए कड़े कानून बनने चाहिए. ताकि युवा बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सके. परीक्षा करवाने में तकनीक की मदद से फर्जीवाड़ा रोकने की भी उन्होंने पुरजोर मांग उठाई है. इसके साथ ही उन्होंने भर्तियों का कैलेंडर जारी करने और प्रश्नों के जवाबों को लेकर होने वाली विसंगतियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि भर्ती से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं को पारदर्शी तरीके से पूरा करवाया जाना चाहिए.

लंबित भर्तियों को जल्द से जल्द कराने की मांग

अभिषेक शर्मा का कहना है कि राजस्थान में बेरोजगारी का दौर नया नहीं है. लेकिन वर्तमान में समस्या भयावह रूप लेती जा रही है. हालात अब काबू से बाहर होते हुए लग रहे हैं. बेरोजगारी दर के लिहाज से देशभर में राजस्थान का दूसरे स्थान पर आना यह साबित करता है कि हालात कितने विकट हो चुके हैं. यदि यह ऐसे ही चलता रहा तो देश में पहले पायदान पर आने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रियों और अधिकारियों से अपील की है कि लंबित भर्तियों को जल्द पूरा करवाया जाए.

बेरोजगार युवा राजवीर सिंह का कहना है कि जो-जो भर्तियां लंबित हैं. उन्हें जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए. कई भर्ती की परीक्षाएं अभी तक नहीं हो पाई हैं. सरकार को जल्द से जल्द परीक्षा करवाकर योग्य युवाओं को नियुक्ति देनी चाहिए. कोरोना काल में बेरोजगारी के आंकड़े में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि लंबित प्रक्रिया को पूरी कर जल्द से जल्द नियुक्ति दी जाए। ताकि बेरोजगार युवाओं को अवसादग्रस्त होने से बचाया जा सके.

जयपुर. बेरोजगारी दर का लगातार बढ़ता आंकड़ा राजस्थान के युवाओं को चिंतित कर रहा है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी का ताजा सर्वे बताता है कि राजस्थान 25.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर है. इस मामले में हरियाणा 26.4 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ देश में पहले पायदान पर है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वे इन आंकड़ों पर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को न केवल सरकारी नौकरियों की भर्ती को लेकर युवाओं से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए बल्कि स्किल डवलपमेंट कार्यक्रमों के माध्यम से निजी क्षेत्र की नौकरियों के लिए युवाओं को ट्रेनिंग भी देनी चाहिए.

पढे़ं: कोरोना समीक्षा बैठक में बोले CM गहलोत, कहा- दूसरी लहर से बचाव के लिए कड़े कदम जरूरी

उपेन यादव ने कहा कि न केवल सरकारों बल्कि सभी राजनीतिक पार्टियों को भी गंभीरता के साथ बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान देना होगा. युवाओं का विकास होगा तभी देश का विकास संभव है. बेरोजगारी के लगातार बढ़ते आंकड़ों से युवा अवसाद में जा रहा है और कई युवा खुदकुशी करने को मजबूर हैं. लंबे समय से राज्य सरकार के कई विभागों में भर्तियां अटकी हुई हैं. युवाओं से वादे कर उन्हें सपने दिखाए जाते हैं. लेकिन बेरोजगारों का सपना टूटता नजर आ रहा है.

राजस्थान में बेरोजगारी दर 25.6 फीसदी

कहीं भारत को बेरोजगारों को देश ना कहा जाने लगे

उन्होंने कहा कि भारत को युवाओं का देश कहा जाता है. लेकिन ऐसे ही हालात रहे तो कहीं ऐसा ना हो कि भारत को बेरोजगारों का देश कहा जाने लगे. अब इसमें सुधार की जरूरत है. सरकारी नौकरियों के साथ ही निजी क्षेत्रों में रोजगार मुहैया करवाने की दिशा में भी सरकार को ध्यान देना होगा. राजनीतिक पार्टियां चुनाव के समय युवाओं से बड़े-बड़े वादे करती हैं. लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती. वोट की फसल बटोरने का बाद राजनीतिक पार्टियां युवाओं से किए गए वादे भूल जाती हैं. इस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए. जो पार्टी अपने वादों पर खरा नहीं उतरती हैं. उन पर चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. यह पार्टी विशेष का नहीं बल्कि देश का मामला है.

उपेन यादव ने कहा कि देश में बेरोजगारी दर के लिहाज से राजस्थान का दूसरे नंबर पर आना बहुत ही चिंताजनक है. राज्य सरकार को हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान में भी निजी क्षेत्रों में युवाओं को नौकरियां मुहैया करवाने की दिशा में नीति निर्धारण करना चाहिए. सरकारी हो या निजी क्षेत्र पहले राजस्थान के बेरोजगार युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना चाहिए. हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग वह लंबे समय से कर रहे हैं.

राजस्थान बेरोजगारी में नंबर 2

समय पर भर्ती करवाने के लिए तय हो जिम्मेदारी

इसके अलावा नौकरियों के संबंध में की गई घोषणाओं को समय पर पूरा करने की मांग भी प्रदेश के बेरोजगारों ने उठाई है. निजी क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर मुहैया करवाने के लिए उन्होंने युवाओं के लिए खास ट्रेनिंग मुहैया करवाने की भी मांग उठाई है. सरकारी नौकरी का विज्ञापन जारी होने से नियुक्तियों तक लंबा समय लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पेपर लीक, फर्जी डिग्री जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसके लिए कड़े कानून बनने चाहिए. कई भर्तियां 2013 से आज तक लंबित हैं. ऐसे में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

unemployment rate in rajasthan,  unemployment rate
बेरोजगारी दर में हरियाणा पहले नंबर पर

पेपर लीक के मामले में पकड़े जाने वाले जेल से छूट जाते हैं. ऐसे मामलों के लिए कड़े कानून बनने चाहिए. ताकि युवा बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सके. परीक्षा करवाने में तकनीक की मदद से फर्जीवाड़ा रोकने की भी उन्होंने पुरजोर मांग उठाई है. इसके साथ ही उन्होंने भर्तियों का कैलेंडर जारी करने और प्रश्नों के जवाबों को लेकर होने वाली विसंगतियों पर भी प्रभावी अंकुश लगाने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि भर्ती से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं को पारदर्शी तरीके से पूरा करवाया जाना चाहिए.

लंबित भर्तियों को जल्द से जल्द कराने की मांग

अभिषेक शर्मा का कहना है कि राजस्थान में बेरोजगारी का दौर नया नहीं है. लेकिन वर्तमान में समस्या भयावह रूप लेती जा रही है. हालात अब काबू से बाहर होते हुए लग रहे हैं. बेरोजगारी दर के लिहाज से देशभर में राजस्थान का दूसरे स्थान पर आना यह साबित करता है कि हालात कितने विकट हो चुके हैं. यदि यह ऐसे ही चलता रहा तो देश में पहले पायदान पर आने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रियों और अधिकारियों से अपील की है कि लंबित भर्तियों को जल्द पूरा करवाया जाए.

बेरोजगार युवा राजवीर सिंह का कहना है कि जो-जो भर्तियां लंबित हैं. उन्हें जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए. कई भर्ती की परीक्षाएं अभी तक नहीं हो पाई हैं. सरकार को जल्द से जल्द परीक्षा करवाकर योग्य युवाओं को नियुक्ति देनी चाहिए. कोरोना काल में बेरोजगारी के आंकड़े में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि लंबित प्रक्रिया को पूरी कर जल्द से जल्द नियुक्ति दी जाए। ताकि बेरोजगार युवाओं को अवसादग्रस्त होने से बचाया जा सके.

Last Updated : Mar 31, 2021, 10:14 PM IST
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