जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की बैठक गुरुवार को जल भवन में हुई. इस बैठक में कर्मचारियों व पदाधिकारियों ने अध्यक्ष के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया. पदाधिकारियों ने पूर्व अध्यक्ष के पिछले कार्यकाल की कमियां निकाली और कहा कि इन्हीं कमियों के कारण पूर्व अध्यक्ष को महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया है.
बैठक के बाद पीएचईडी विभाग के मंत्रालयिक कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर प्रशासन का घेराव किया और कर्मचारियों की मांग उनके सामने रखी. महासंघ के नए निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी से पूछा गया कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश देखा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें 2014 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन, इन 5 सालों में उन्होंने कर्मचारियों के लिए कोई कार्य नहीं किया, इसलिए कर्मचारियों में आक्रोश है.
साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी ग्रेड-पे 3600 सहित कई मांगे थी. लेकिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ग्रेड पे 3600 पर अड़े रहे. जिसके कारण हमारी अन्य मांगे भी सरकार से पूरी नहीं हो पाई. इसके विपरीत हमारी वेतन कटौती कर दी गई. उन्होंने बताया कि अब हमारी मांगों के लिए 100 दिन की कार्य योजना बनाएंगे और उसी के तहत काम करेंगे. नए अध्यक्ष ने कहा कि कर्मचारियों की वेतन कटौती सबसे बड़ी समस्या है. इसके अलावा ग्रेड-पे 3600 हमारी प्रमुख मांग है. 26000 पदों पर भर्ती करनी थी लेकिन 10000 पदों पर ही भर्ती हो पाई है, बाकी पदों पर भर्ती करना, सचिवालय के समान वेतन भत्ते आदि सहित हमारी कई मांग है.
महासंघ से जुड़े जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कर्मचारियों के जिला अध्यक्ष विजय सिंह राजावत ने बताया कि गुरुवार को चीफ इंजीनियर प्रशासनिक का घेराव किया गया था. उन्होंने कहा कि हमारी डीपीसी सहित कई मांगे बकाया चल रही है. पहले भी कई बार ज्ञापन दिया था और आश्वासन दिया गया था कि सभी मांगे पूरी कर ली जाएगी, लेकिन हमारी मांगे पूरी नहीं हो पाई है. कर्मचारियों की डीपीसी और वेतन कटौती मुख्य मांगे हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे.