जयपुर. राज्य मानवाधिकार आयोग ने सिंघाना के अमित यादव और पाली के गौरव वैष्णव के मामले में संज्ञान लिया है. दोनों ही मामलों में आयोग ने तथ्यात्मक रिपोर्ट भी मांगी है.
सिंघाना के चितौसा के बाबूलाल यादव के बेटे की दर्दभरी दास्तान है. बाबूलाल का बेटा अमित यादव इलाज के अभाव में गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रहा है, उसे जंजीरों में बांधकर रखा जाता है और 6 साल से गुमनामी की जिंदगी जी रहा है. अमित यादव के लाचार और मजबूर पिता बाबुलाल की अब उम्मीदे भी टूटने लगी हैं. महंगे इलाज के चलते वह अपने बेटे का इलाज नहीं करवा पा रहा. बाबूलाल प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के सामने भी गुहार लगा चुका है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ.
अमित के पिता बमुश्किल खेती-बाड़ी कर परिवार का पेट पाल रहे हैं. राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. आदेश की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर झुंझुनू, जिला पुलिस अधीक्षक झुंझुनू तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झुंझुनू को फैक्स के जरिए एवं ईमेल से भेजी गई है.
पढ़ें- उद्योग मंत्री ने किया दावा, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना से स्थानीय लोगों को मिला रोजगार
पाली में पूर्व सीएमएचओ के मनोरोगी पुत्र को गाड़ी से टक्कर मारने और सरियों से मारपीट के मामले में भी राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. बांगड अस्पताल कोरोना टेस्टिंग सेन्टर के मुख्य द्वार पर शुक्रवार देर शाम कुछ लोगों ने पूर्व सीएमएचओ के मनोरोगी पुत्र गौरव वैष्णव पर जानलेवा हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया. आरोपियों ने पीड़ित को बल्लों, लाठियों व सरियों से मारपीट कर लहुलुहान कर दिया और फरार हो गए. पुलिस चौकी 50 कदम की दूरी पर स्थित है, फिर भी अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. आदेश की प्रतिलिपि जिला पुलिस अधीक्षक, पाली को फैक्स एवं ईमेल से भेजी गई है.