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पूरे देश में 'मनरेगा' के तहत श्रमिकों को सबसे ज्यादा काम दे रहा है राजस्थान

प्रदेश में मनरेगा (MANREGA) (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) योजना के तहत श्रमिक नियोजन (Labor Planning) प्रतिदिन 50 लाख से अधिक पहुंच गया है, जो देश के अन्य राज्यों के तुलना में सबसे अधिक है. Lockdown के कारण जहां अप्रैल महीने में केवल 62 हजार श्रमिक नियोजित थे, उसकी संख्या बढ़कर अब 50 लाख से अधिक पहुंच गई है.

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मनरेगा में नंबर वन बना प्रदेश...
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Published : Jun 8, 2020, 8:41 PM IST

जयपुर. देश में राजस्थान लगातार 'मनरेगा योजना' के तहत श्रमिकों को काम देने में नंबर एक पर बना हुआ है. यहां मनरेगा के तहत 50 लाख श्रमिकों को नियोजित किया गया है. प्रदेश के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Deputy CM Sachin Pilot) के अनुसार इन 50 लाख नरेगा श्रमिकों में 13 लाख प्रवासी श्रमिक भी शामिल हैं.

मनरेगा में नंबर वन बना प्रदेश...

पायलट ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल के चुनौती भरे समय में मनरेगा के तहत रोजगार मिलने से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भरपूर आर्थिक संबल (Financial Strength) मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में जहां 62 हजार श्रमिक थे, वहीं विभाग ने 8 जून को 50 लाख 20 हजार श्रमिकों को नियोजित कर लिया.

यह भी पढ़ेंः सांसद मनोज राजोरिया का बड़ा बयान, कहा- कांग्रेसियों के हाथ में नहीं पहुंच रहा पैसा, इसलिए हो रही बौखलाहट

डिप्टी सीएम के मुताबिक...

  • भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा चार लाख 11 हजार
  • डूंगरपुर में तीन लाख 55 हजार
  • बांसवाड़ा में तीन लाख 50 हजार
  • अजमेर में दो लाख 67 हजार श्रमिक नियोजित किए गए हैं

पायलट ने कहा कि इन 13 लाख प्रवासी श्रमिकों में से लगभग सवा ग्यारह लाख के पास पहले से ही जॉब कार्ड थे. लगभग पौने दो लाख प्रवासी श्रमिकों (Migrant Labor) को नए जॉब कार्ड (Job Card) जारी किए गए हैं.

जयपुर. देश में राजस्थान लगातार 'मनरेगा योजना' के तहत श्रमिकों को काम देने में नंबर एक पर बना हुआ है. यहां मनरेगा के तहत 50 लाख श्रमिकों को नियोजित किया गया है. प्रदेश के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Deputy CM Sachin Pilot) के अनुसार इन 50 लाख नरेगा श्रमिकों में 13 लाख प्रवासी श्रमिक भी शामिल हैं.

मनरेगा में नंबर वन बना प्रदेश...

पायलट ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल के चुनौती भरे समय में मनरेगा के तहत रोजगार मिलने से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को भरपूर आर्थिक संबल (Financial Strength) मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अप्रैल महीने में जहां 62 हजार श्रमिक थे, वहीं विभाग ने 8 जून को 50 लाख 20 हजार श्रमिकों को नियोजित कर लिया.

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डिप्टी सीएम के मुताबिक...

  • भीलवाड़ा में सबसे ज्यादा चार लाख 11 हजार
  • डूंगरपुर में तीन लाख 55 हजार
  • बांसवाड़ा में तीन लाख 50 हजार
  • अजमेर में दो लाख 67 हजार श्रमिक नियोजित किए गए हैं

पायलट ने कहा कि इन 13 लाख प्रवासी श्रमिकों में से लगभग सवा ग्यारह लाख के पास पहले से ही जॉब कार्ड थे. लगभग पौने दो लाख प्रवासी श्रमिकों (Migrant Labor) को नए जॉब कार्ड (Job Card) जारी किए गए हैं.

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