जयपुर. प्रदेश सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में किसान और सहकारिता विभाग में भी कई घोषणाएं की है. इसके लिए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद दिया है. अंजना ने कहा कि अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2021-22 अवधि के लिए विधान सभा में प्रस्तुत किया गया बजट किसानों, कृषि एवं सहकारिता के लिए बहुआयामी बजट है, जो निश्चित तौर पर कृषि एवं किसानों के सर्वांगीण विकास में कारगर साबित होगा.
सहकारिता मंत्री के अनुसार आगामी वर्ष में कृषि बजट के शुरूआत की घोषणा से अन्नदाता के बेहतर भविष्य एवं उनके हितों का संरक्षण होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वादे निभाते हुए 20 लाख 89 हजार किसानों के 8 हजार करोड़ रुपए से अधिक के ऋण माफ किए हैं. साथ ही गत सरकार के समय लंबित 6 हजार करोड़ रुपए का भी भुगतान किया है और इस प्रकार कुल मिलाकर 14 हजार करोड़ रुपए की राशि के किसानों के ऋण माफ किए हैं. इससे किसानों को लाभ मिला है और सहकारी बैंकों की स्थिति भी सुधरी है.
आंजना ने कहा कि अब तक सहकारी बैंकों से करीब 13 लाख किसानों को पहली बार फसली ऋण देकर लाभान्वित किया गया है. मुख्यमंत्री द्वारा आगामी वर्ष में 16 हजार करोड़ रुपए के ब्याज मुक्त फसली ऋण की घोषणा से किसानों को लाभ मिलेगा. साथ ही 3 लाख नए किसान को भी जोड़ने की घोषणा से सहकारिता के दायरे में और किसान शामिल होंगे. केन्द्रीय सहकारी बैंकों को ब्याज अनुदान के रूप में राशि उपलब्ध होगी, जिससे बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी.
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सहकारिता मंत्री ने कहा कि बजट में 100 पैक्स एवं लेम्पस में प्रत्येक में 100 मीट्रिक टन क्षमता के 12 करोड़ रुपए से 100 गोदाम बनाने की घोषणा से भण्डारण क्षमता में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों को उच्च तकनीक के कृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध कराने के लिए चरणबद्ध रूप से पीपीपी मोड पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं अन्य जगहों पर एक हजार कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपए खर्च करने के निर्णय से कृषि कार्य में समय की बचत और खेती लागत कम करने में सहायता मिलेगी.
आंजना ने कहा कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने एवं उत्पादकों के हित में राजसमंद में नए दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के गठन की घोषणा से दुग्ध उत्पादकों को लाभ मिलेगा. प्रदेश में नए दुग्ध संकलन रूट प्रारंभ करने की घोषणा के साथ 1500 दुग्ध संकलन केन्द्रों को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के रूप में पंजीकृत करने की घोषणा से दुग्ध उत्पादकों को बेहतर मूल्य और लाभ मिलेगा.