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Plasma Therapy के लिए चिकित्सा विभाग की नई व्यवस्था, Corona से ठीक हुए मरीजों की डिटेल करेगी तैयार

बीते कुछ समय से प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. ऐसे में अब चिकित्सा विभाग मरीजों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी को मुख्य हथियार बनाएगा. इसे लेकर एक नई व्यवस्था चिकित्सा विभाग द्वारा शुरू की जा रही है.

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चिकित्सा विभाग की नई व्यवस्था
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Published : Jul 16, 2020, 7:50 PM IST

जयपुर. प्रदेश में दिन-ब-दिन बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि सैंपल जांच की संख्या को बढ़ाकर औसतन रोजाना 25 हजार करने से कोरोना पॉजिटिव की संख्या में वृद्धि तो हो रही है. लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है. पॉजिटिव लोगों का जल्दी पता लगने से उनका समय पर उपचार हो रहा है. इससे रिकवरी रेट में सुधार तथा कोरोना से होने वाले मृत्यु दर में निरन्तर कमी आ रही है.

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक 47 गंभीर मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किया गया है. इसके शत प्रतिशत परिणाम रहे हैं. प्लाज्मा थेरेपी द्वारा वेंटिलेटर पर चल रहे पांच मरीजों का भी उपचार किया गया है. ऐसे मे पॉजिटिव से निगेटिव होने वाले लोगों की सूची बनाने के निर्देश चिकित्सा मंत्री ने दिए हैं. इन लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ताकि प्लाज्मा थेरेपी से उपचार के लिए प्लाज्मा बैंक को बढ़ाया जा सके.

चिकित्सा विभाग की नई व्यवस्था

यह भी पढ़ेंः जयपुर के SMS अस्पताल में BSF जवान डोनेट करेंगे Plasma

अब तक पॉजिटिव से निगेटिव हुए 20 व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अपनी रजामंदी दे चुके हैं. एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से हुए उपचार के संबंध में आईसीएमआर ने प्रशंसा पत्र भिजवाया है. वहीं गंभीर रोगियों को उपचार के लिए आवश्यक होने पर लगभग 40 हजार रुपए कीमत के टोसिलीजुमैब इंजेक्शन भी लगाए गए हैं.

कोरोना से होने वाली मृत्यु दर कम

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 11 लाख से अधिक कोरोना सैंपल की जांच की जा चुकी है. 27 स्थानों पर कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है. प्रदेश में प्रति 10 लाख सैंपल की दृष्टि से राजस्थान देश के अग्रणी प्रदेशों में शामिल है. राष्ट्रीय औसत 9168 की तुलना में राजस्थान में प्रति 10 लाख की आबादी पर 14 हजार 122 सैंपल लिए जा रहे हैं. राजस्थान की पॉजिटिव रेट 2.35 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 7.82 है. इसी प्रकार राजस्थान की रिकवरी रेट लगभग 74 प्रतिशत है. जबकि राष्ट्रीय औसत 63.27 प्रतिशत है. राजस्थान में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर कम होकर अब दो प्रतिशत रह गई है. जबकि राष्ट्रीय औसत 2.60 है. जुलाई माह में राजस्थान कोरोना से होने वाली मृत्यु दर 1.54 प्रतिशत रही है.

अधिक पॉजिटिव आने वाले जिलों में अतिरिक्त चिकित्सा दल

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि अधिक पॉजिटिव आने वाले जिलों में अतिरिक्त चिकित्सा दल और अधिकारियों को भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं. डॉ. शर्मा ने गुरुवार को कोरोना की रोकथाम एवं नियंत्रण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी. बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, एमडी एनएचएम नरेश ठकराल, आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे.

जयपुर. प्रदेश में दिन-ब-दिन बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि सैंपल जांच की संख्या को बढ़ाकर औसतन रोजाना 25 हजार करने से कोरोना पॉजिटिव की संख्या में वृद्धि तो हो रही है. लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है. पॉजिटिव लोगों का जल्दी पता लगने से उनका समय पर उपचार हो रहा है. इससे रिकवरी रेट में सुधार तथा कोरोना से होने वाले मृत्यु दर में निरन्तर कमी आ रही है.

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक 47 गंभीर मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से उपचार किया गया है. इसके शत प्रतिशत परिणाम रहे हैं. प्लाज्मा थेरेपी द्वारा वेंटिलेटर पर चल रहे पांच मरीजों का भी उपचार किया गया है. ऐसे मे पॉजिटिव से निगेटिव होने वाले लोगों की सूची बनाने के निर्देश चिकित्सा मंत्री ने दिए हैं. इन लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ताकि प्लाज्मा थेरेपी से उपचार के लिए प्लाज्मा बैंक को बढ़ाया जा सके.

चिकित्सा विभाग की नई व्यवस्था

यह भी पढ़ेंः जयपुर के SMS अस्पताल में BSF जवान डोनेट करेंगे Plasma

अब तक पॉजिटिव से निगेटिव हुए 20 व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अपनी रजामंदी दे चुके हैं. एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा थेरेपी से हुए उपचार के संबंध में आईसीएमआर ने प्रशंसा पत्र भिजवाया है. वहीं गंभीर रोगियों को उपचार के लिए आवश्यक होने पर लगभग 40 हजार रुपए कीमत के टोसिलीजुमैब इंजेक्शन भी लगाए गए हैं.

कोरोना से होने वाली मृत्यु दर कम

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 11 लाख से अधिक कोरोना सैंपल की जांच की जा चुकी है. 27 स्थानों पर कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है. प्रदेश में प्रति 10 लाख सैंपल की दृष्टि से राजस्थान देश के अग्रणी प्रदेशों में शामिल है. राष्ट्रीय औसत 9168 की तुलना में राजस्थान में प्रति 10 लाख की आबादी पर 14 हजार 122 सैंपल लिए जा रहे हैं. राजस्थान की पॉजिटिव रेट 2.35 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 7.82 है. इसी प्रकार राजस्थान की रिकवरी रेट लगभग 74 प्रतिशत है. जबकि राष्ट्रीय औसत 63.27 प्रतिशत है. राजस्थान में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर कम होकर अब दो प्रतिशत रह गई है. जबकि राष्ट्रीय औसत 2.60 है. जुलाई माह में राजस्थान कोरोना से होने वाली मृत्यु दर 1.54 प्रतिशत रही है.

अधिक पॉजिटिव आने वाले जिलों में अतिरिक्त चिकित्सा दल

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि अधिक पॉजिटिव आने वाले जिलों में अतिरिक्त चिकित्सा दल और अधिकारियों को भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं. डॉ. शर्मा ने गुरुवार को कोरोना की रोकथाम एवं नियंत्रण के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी. बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, एमडी एनएचएम नरेश ठकराल, आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. केके शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे.

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