जयपुर. कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से श्रमिकों को काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ा. अनलॉक होने के बाद भी मजदूरों का जीवन पटरी पर नहीं आ पाया है. ऐसे में गहलोत सरकार अब मजदूरों की समस्याओं का समाधान करने में जुटी हुई है. लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले श्रमिकों की भुगतान संबंधी समस्याओं के निस्तारण को लेकर श्रम विभाग लगातार दो दिन से समीक्षा बैठक कर रहा है.
दरअसल, श्रम मंत्री टीकाराम जूली के अध्यक्षता में सचिवालय में विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों पदाधिकारियों और विभागीय अधिकारियों के साथ में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जा रही है. बैठक में श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने श्रमिक प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित कर उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्रमिकों की सेवा मुक्ति, वेतन भुगतान संबंधी प्रकरणों और मंडलों की विभिन्न योजनाओं के आवेदन का त्वरित निस्तारण किया जाए, ताकि श्रमिकों को अनावश्यक रूप से परेशान ना होना पड़े. इससे पहले श्रमिक प्रतिनिधियों से राज्य में श्रमिकों के समक्ष आने वाली समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने को कहा गया है.
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श्रमिक प्रतिनिधियों ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए अनुपालन कराने, न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी, श्रमिक कल्याण के लिए निशुल्क भूखंड उपलब्ध कराने, रीको क्षेत्र में श्रमिकों के लिए विश्राम गृह, ESI मॉडल हॉस्पिटल को कोविड-19 नहीं बनाने, राज्य स्तरीय कमेटियों का पुनर्गठन करने, प्रवासी श्रमिकों के लिए बोर्ड गठित करने आदि के संबंध में भी सुझाव दिए हैं.
जूली ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार श्रमिकों को लेकर संवेदनशील है. कोविड-19 के दौरान सबसे ज्यादा अगर कोई प्रभावित हुआ है, तो वह श्रमिक वर्ग प्रभावित हुआ है. ऐसे में श्रमिकों को किस तरह से फिर से रोजगार उपलब्ध कराया जाए, उनकी भुगतान संबंधी समस्याओं को कैसे दूर किया जाए, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के श्रमिकों को बेरोजगार नहीं होना पड़े, इसको लेकर सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है.