जयपुर. आवासन मंडल ने अब अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए डिमांड के आधार पर आवासों का निर्माण करने का फैसला किया है. इस क्रम में पहले मुख्यमंत्री, शिक्षक और प्रहरी आवासीय योजना भी लांच की गई और हाल ही में आवासन मंडल ने राज्य कर्मचारियों के लिए आवासीय योजना लांच की है. जिस पर तेजी से कार्य हो रहा है.
बीते कई सालों से धूल फांक रहे आवासन मंडल के आवासों को डिस्काउंट रेट पर बेचकर मंडल ने कई कीर्तिमान स्थापित किए. लेकिन अब आवासन मंडल मांग के आधार पर आवास बना रहा है. ताकि कोई आवास बिकने से ना छूटे. जयपुर के प्रताप नगर सेक्टर 26 में मुख्यमंत्री, शिक्षक और प्रहरी आवासीय योजना के तहत 576 फ्लैट बन रहे हैं. साथ ही यहां पर राज्य कर्मचारियों के लिए भी कम दरों पर 720 बहुमंजिला आवास निर्मित किए जा रहे हैं.
आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि, मंडल ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. पहले बड़ी संख्या में बिना बिके आवास मौजूद थे. ये आवास बिना डिमांड सर्वे कराए बना दिए गए. लेकिन अब प्रयास किया जा रहा है कि जहां से मांग आ रही है, वहां पर ही आवास बनाए जाएं. जिसके अंतर्गत पहले मुख्यमंत्री, शिक्षक और प्रहरी आवासीय योजना शुरू की गई और अब राज्य कर्मचारियों के लिए आवास बनाए जा रहे हैं.
इन योजनाओं को सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम के तहतजारी किया गया है. आवेदकों से किस्तों में पैसा लिया जा रहा है और उन्हीं के पैसों से आवास का निर्माण कराया जा रहाहै. ऐसे में आगामी दिनों में आवासन मंडल के सामने बिना बिके आवासों की समस्यानहीं रहेगी.
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बता दें कि, मुख्यमंत्री, शिक्षक और प्रहरी आवासीय योजना के तहत एक फ्लैट की कीमत 15 लाख 70 हजार रुपए रखी गई है।. जबकि राज्य कर्मचारी योजना के तहत 2 बीएचके फ्लैट 11 लाख रुपए में और 3 बीएचके फ्लैट 21 लाख 90 हजार रुपए में उपलब्ध कराए जा रहे हैं. आवेदकों से फ्लैट की कीमत का 10 प्रतिशत राशि जमा करवाकर पंजीकरण करवाया जा रहा है. इसी राशि से प्रताप नगर में आवास विकसित किए जा रहे हैं. जिसका लक्ष्य ढाई साल निर्धारित किया गया है.