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राजस्थान आवासन मंडल का इंजीनियर 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप

रिश्वतखोरों के खिलाफ राजस्थान एसीबी का हल्ला बोल लगातार जारी है. इसी क्रम में एसीबी की जयपुर टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए राजस्थान आवासन मंडल के रिश्वतखोर एडिशनल चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता को रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

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25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए इंजीनियर ट्रैप
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Published : Jul 15, 2020, 8:47 PM IST

जयपुर. प्रदेश सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक कामों का टेंडर उठाने वाले ठेकेदारों का EWS D-1 का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में इसी सर्टिफिकेट को जारी करने की एवज में एडिशनल चीफ इंजीनियर ने रिश्वत की मांग की और रंगे हाथों पकड़ लिया गया.

25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए इंजीनियर ट्रैप

एसीबी के एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा ने बताया कि परिवादी एक ठेकेदार है, जो कि इलेक्ट्रिक कामों के लिए राजस्थान आवासन मंडल से टेंडर लेता है. सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक काम करने वाले ठेकेदारों को ईडब्ल्यूएस डी-1 का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य करने के बाद, जब ठेकेदार ने एडिशनल चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता से सर्टिफिकेट की मांग की तो सर्टिफिकेट जारी करने की एवज में मनोज गुप्ता ने रिश्वत की मांग की.

यह भी पढ़ेंः झुंझुनू में ACB की कार्रवाई, 20 हजार की रिश्वत लेते खनिज विभाग का बाबू रंगे हाथ गिरफ्तार

आपको बता दें कि मनोज ने 35 हजार रुपए रिश्वत की मांग की. बाद में सौदा 25 हजार रुपए में तय हुआ. इसकी शिकायत परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में की और शिकायत का सत्यापन करने के बाद बुधवार को एसीबी टीम ने मनोज गुप्ता को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप कर लिया. फिलहाल, मामले में एसीबी टीम अभी भी जांच कर रही है.

जयपुर. प्रदेश सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक कामों का टेंडर उठाने वाले ठेकेदारों का EWS D-1 का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में इसी सर्टिफिकेट को जारी करने की एवज में एडिशनल चीफ इंजीनियर ने रिश्वत की मांग की और रंगे हाथों पकड़ लिया गया.

25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए इंजीनियर ट्रैप

एसीबी के एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा ने बताया कि परिवादी एक ठेकेदार है, जो कि इलेक्ट्रिक कामों के लिए राजस्थान आवासन मंडल से टेंडर लेता है. सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक काम करने वाले ठेकेदारों को ईडब्ल्यूएस डी-1 का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य करने के बाद, जब ठेकेदार ने एडिशनल चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता से सर्टिफिकेट की मांग की तो सर्टिफिकेट जारी करने की एवज में मनोज गुप्ता ने रिश्वत की मांग की.

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आपको बता दें कि मनोज ने 35 हजार रुपए रिश्वत की मांग की. बाद में सौदा 25 हजार रुपए में तय हुआ. इसकी शिकायत परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में की और शिकायत का सत्यापन करने के बाद बुधवार को एसीबी टीम ने मनोज गुप्ता को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप कर लिया. फिलहाल, मामले में एसीबी टीम अभी भी जांच कर रही है.

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