जयपुर. प्रदेश सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक कामों का टेंडर उठाने वाले ठेकेदारों का EWS D-1 का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में इसी सर्टिफिकेट को जारी करने की एवज में एडिशनल चीफ इंजीनियर ने रिश्वत की मांग की और रंगे हाथों पकड़ लिया गया.
एसीबी के एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा ने बताया कि परिवादी एक ठेकेदार है, जो कि इलेक्ट्रिक कामों के लिए राजस्थान आवासन मंडल से टेंडर लेता है. सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक काम करने वाले ठेकेदारों को ईडब्ल्यूएस डी-1 का सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य करने के बाद, जब ठेकेदार ने एडिशनल चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता से सर्टिफिकेट की मांग की तो सर्टिफिकेट जारी करने की एवज में मनोज गुप्ता ने रिश्वत की मांग की.
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आपको बता दें कि मनोज ने 35 हजार रुपए रिश्वत की मांग की. बाद में सौदा 25 हजार रुपए में तय हुआ. इसकी शिकायत परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में की और शिकायत का सत्यापन करने के बाद बुधवार को एसीबी टीम ने मनोज गुप्ता को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप कर लिया. फिलहाल, मामले में एसीबी टीम अभी भी जांच कर रही है.