जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने माना कि अधिवक्ता की लापता बेटियों को तलाशने के लिए सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस इस काम में तेजी लाए. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 29 मार्च को तय की है. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस बिरेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश लापता बहनों के पिता अधिवक्ता अवधेश पुरोहित की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि प्रकरण में एसआईटी गठित कर दी गई है और लापता बहनों की तलाश का जा रही है. इसके साथ ही पुलिस की ओर से मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट भी पेश की गई. वहीं याचिकाकर्ता ने कहा कि एसआईटी में साइबर विशेषज्ञ नहीं हैं. मामले में पुलिस को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव की मदद लेनी चाहिए. इसके अलावा दोनों लड़कियों की लखनऊ में लोकेशन मिलने के बाद भी वहां कोई टीम नहीं भेजी गई है.
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इस पर डीसीपी मृदुल कच्छावा ने कहा कि एसआईटी में साइबर विशेषज्ञ को शामिल किया गया है. व्हाट्सएप कॉल की डिटेल कंपनी के सर्वर पर नहीं है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर डीसीपी संजीव कुमार की मदद भी ली जाएगी. पुलिस की एक टीम लखनऊ भेजी जा रही है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने माना की लापता बहनों को तलाशने के सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस काम में पुलिस और तेजी लाए.
गौरतलब है कि गत तीन फरवरी को याचिकाकर्ता अधिवक्ता की 16 और 17 वर्षीय दो बेटियां करतारपुरा स्थित स्कूल से तबीयत खराब होने की बात कहकर निकल गईं थीं. बाद में दोनों की लोकेशन लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेस की गई थी. इसके बाद फिर निशातगंज पेपर मिल कॉलोनी में भी दोनों की घूमते हुए तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दी थी.