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राजस्थान हाईकोर्ट ने जमीन आवंटन को रद्द करने के मामले में स्कूल को दी राहत

राजस्थान हाईकोर्ट ने बनीपार्क स्थित श्रीकन्या सदाचार पाठशाला की जमीन के आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई को प्रथमदृष्टया गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने स्कूल की मान्यता रद्द करने के संबंध में गत 18 जनवरी को जारी नोटिस पर आगामी कार्रवाई करने पर भी रोक लगा दी है.

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राजस्थान हाईकोर्ट ने जमीन आवंटन को रद्द करने के मामले में स्कूल को दी राहत
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Published : Jan 23, 2021, 6:34 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बनीपार्क स्थित श्रीकन्या सदाचार पाठशाला की जमीन के आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई को प्रथमदृष्टया गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने स्कूल की मान्यता रद्द करने के संबंध में गत 18 जनवरी को जारी नोटिस पर आगामी कार्रवाई करने पर भी रोक लगा दी है.

अदालत ने कहा है कि स्कूल को जमीन का पूर्व की तरह उपयोग करने दिया जाए. वहीं अदालत ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब भी किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश स्कूल के प्रिंसिपल की ओर से दायर याचिका पर दिए.

पढ़ें: Exclusive: डकैतों को संरक्षण नहीं देता, इसलिए मुझसे रंजिश रखते हैं: गिर्राज सिंह मलिंगा

याचिका में कहा गया कि स्कूल को वर्ष 1958 में भूमि का आवंटन किया गया था. वहीं गत पन्द्रह जनवरी को आदेश जारी कर उनकी जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया. इसके बाद शिक्षा विभाग ने भी स्कूल की मान्यता रद्द करने के संबंध में 18 जनवरी को नोटिस जारी कर दिए. याचिकाकर्ता को 15 दिसंबर 2003 को नोटिस जारी कर विकास शुल्क जमा कराने की रसीद मांगी गई थी. जिसका याचिकाकर्ता ने 22 दिसंबर 2003 को इस नोटिस का जवाब भी दे दिया था.

याचिका में कहा गया कि जमीन का आवंटन राज्य सरकार ने किया था. ऐसे में निगम अधिकारियों ने शक्तियों से बाहर जाकर आवंटन रद्द किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने स्कूल प्रशासन को राहत देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बनीपार्क स्थित श्रीकन्या सदाचार पाठशाला की जमीन के आवंटन को रद्द करने की कार्रवाई को प्रथमदृष्टया गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने स्कूल की मान्यता रद्द करने के संबंध में गत 18 जनवरी को जारी नोटिस पर आगामी कार्रवाई करने पर भी रोक लगा दी है.

अदालत ने कहा है कि स्कूल को जमीन का पूर्व की तरह उपयोग करने दिया जाए. वहीं अदालत ने मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब भी किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश स्कूल के प्रिंसिपल की ओर से दायर याचिका पर दिए.

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याचिका में कहा गया कि स्कूल को वर्ष 1958 में भूमि का आवंटन किया गया था. वहीं गत पन्द्रह जनवरी को आदेश जारी कर उनकी जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया. इसके बाद शिक्षा विभाग ने भी स्कूल की मान्यता रद्द करने के संबंध में 18 जनवरी को नोटिस जारी कर दिए. याचिकाकर्ता को 15 दिसंबर 2003 को नोटिस जारी कर विकास शुल्क जमा कराने की रसीद मांगी गई थी. जिसका याचिकाकर्ता ने 22 दिसंबर 2003 को इस नोटिस का जवाब भी दे दिया था.

याचिका में कहा गया कि जमीन का आवंटन राज्य सरकार ने किया था. ऐसे में निगम अधिकारियों ने शक्तियों से बाहर जाकर आवंटन रद्द किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने स्कूल प्रशासन को राहत देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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