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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा, प्रावधान के बावजूद शिक्षक दंपती को एक स्थान पर नियुक्ति क्यों नहीं?

राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि नियमों में प्रावधान होने के बावजूद भी याचिकाकर्ता शिक्षक दंपती को एक स्थान पर नियुक्त क्यों नहीं किया गया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश राजेश कुमार मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Aug 17, 2020, 8:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि नियमों में प्रावधान होने के बावजूद भी याचिकाकर्ता शिक्षक दंपती को एक स्थान पर नियुक्त क्यों नहीं किया गया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश राजेश कुमार मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढ़ें: औचक निरीक्षण कर अवैध वाहनों को जब्त करें और भारी जुर्माना लगाएं : HC

याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि प्रशासनिक सुधार विभाग के गत 18 मई को जारी परिपत्र के तहत यदि पति-पत्नी दोनों राजकीय सेवा में है तो उन्हें एक जगह पद स्थापित किया जाएगा. इसके बावजूद याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता को बांसवाड़ा और उसकी तृतीय श्रेणी शिक्षिका पत्नी को अलवर में पद स्थापित किया गया है.

इस संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से विभाग में कई प्रतिवेदन भी दिए गए लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में गुहार की गई थी कि याचिकाकर्ता पति को उसकी पत्नी के साथ एक जगह या एक जिले में पदस्थापित कर प्रशासनिक सुधार विभाग के नियमों की पालना की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि नियमों में प्रावधान होने के बावजूद भी याचिकाकर्ता शिक्षक दंपती को एक स्थान पर नियुक्त क्यों नहीं किया गया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश राजेश कुमार मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि प्रशासनिक सुधार विभाग के गत 18 मई को जारी परिपत्र के तहत यदि पति-पत्नी दोनों राजकीय सेवा में है तो उन्हें एक जगह पद स्थापित किया जाएगा. इसके बावजूद याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता को बांसवाड़ा और उसकी तृतीय श्रेणी शिक्षिका पत्नी को अलवर में पद स्थापित किया गया है.

इस संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से विभाग में कई प्रतिवेदन भी दिए गए लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में गुहार की गई थी कि याचिकाकर्ता पति को उसकी पत्नी के साथ एक जगह या एक जिले में पदस्थापित कर प्रशासनिक सुधार विभाग के नियमों की पालना की जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

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