जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख कार्मिक सचिव, खाद्य सचिव और प्रमुख वित्त सचिव सहित अन्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब विधिक माप अधिकारी के पद पर नियमित भर्ती करने के नियम ही नहीं बनाए गए हैं तो पद पर प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे अधिकारी को क्यों हटाया जा रहा है. इसके साथ ही अदालत ने प्रतिनियुक्ति पर तैनात याचिकाकर्ता को हटाने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राम कुंवर की याचिका पर दिए.
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याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में विधिक माप अधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्ति के लिए विभिन्न विभागों के पात्र अधिकारियों से आवेदन मांगकर याचिकाकर्ता को चयन कर लिया. विधिक माप अधिकारी के पद पर नियमित नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार ने आज तक नियम ही नहीं बनाए हैं. वहीं दूसरी ओर गत 15 अप्रैल को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उसे रिलीव करने के आदेश जारी कर दिए.
जबकि इससे पहले उसे न तो सुनवाई का अवसर दिया गया और ना ही नोटिस दिया गया. याचिका में कहा गया कि भर्ती के नियम नहीं होने के चलते इस पद पर नियमित भर्ती नहीं हो सकती. ऐसे में याचिकाकर्ता की प्रतिनियुक्ति समाप्त करना अवैध है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पद से हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.