जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पहलू खां मॉब लिंचिंग मामले (Pehlu Khan mob lynching case) में निचली अदालत की ओर से बरी किए गए विपिन यादव, रविन्द्र कुमार, कालूराम, दयानंद, भीम राठी और योगेश कुमार को जमानती वारंट से तलब किया है. न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार ने यह आदेश पहलू खां के बेटे इरशाद और राज्य सरकार की अपील पर दिए.
अपील में अलवर एडीजे कोर्ट (Alwar ADJ Court) ने 14 अगस्त, 2019 को पहलू खां की हत्या के मामले में 6 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था. अपील में कहा गया कि निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए साक्ष्य की अनदेखी करते हुए 6 आरोपियों को बरी किया है. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए.
क्या था मामला
हरियाणा के नूह मेवात जिला स्थित जयसिंहपुरा गांव निवासी पहलू खां एक अप्रैल 2017 को बेटे उमर और ताहिर के साथ जयपुर के पशु हटवाड़ा से दुधारू पशु खरीदकर अपने घर जा रहा था. अलवर में बहरोड़ पुलिया के पास भीड़ ने गाड़ी को रुकवा कर पहलू और उनके बेटों से मारपीट की.
यह भी पढ़ें. फिल्म अभिनेत्री की फेसबुक हैक करने के मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब
सूचना पर पहुंची पुलिस ने पहलू खां को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 4 अप्रैल 2017 को उसकी मौत हो गई थी. उसके बाद से लगातार लंबे समय तक यह मामला पूरे राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा.
इस मामले में पुलिस ने तीन नाबालिगों और छह अन्य विपिन यादव, रविन्द्र कुमार, कालूराम, दयानंद, भीम राठी और योगेश कुमार को आरोपी माना था. जिस पर सुनवाई करते हुए एडीजे कोर्ट ने 14 अगस्त 2019 को सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था.