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नर्सिंग कौंसिल में तैनात संविदाकर्मियों को हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

राजस्थान नर्सिंग कौंसिल में तैनात नर्सिंग कर्मियों को हटाने को लेकर दायर याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कमला देवी व अन्य की याचिका पर दिए.

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संविदाकर्मियों को हटाने पर रोक
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Published : May 15, 2021, 10:37 PM IST

जयपुर. हाईकोर्ट ने राजस्थान नर्सिंग कौंसिल में तैनात संविदाकर्मियों को हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य सचिव, निदेशक और नर्सिंग कौंसिल सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कमला देवी व अन्य की याचिका पर दिए.

पढ़ें: हाईकोर्ट सुनवाई : ट्रेंड डॉक्टर्स के अभाव में वेंटिलेटर्स का उपयोग नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता सोगत रॉय ने बताया कि याचिकाकर्ता नर्सिंग कौंसिल में कई सालों से प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं. गत दिनों कौंसिल रजिस्ट्रार ने प्लेसमेंट एजेन्सी को पत्र लिखकर याचिकाकर्ताओं के स्थान पर दूसरे संविदाकर्मियों को भेजने की बात कही. याचिका में कहा गया कि संविदाकर्मियों को नियमित भर्ती होने पर ही हटाया जा सकता है.

नियमानुसार एक संविदाकर्मी को दूसरे संविदाकर्मी से नहीं बदला जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. हाईकोर्ट ने राजस्थान नर्सिंग कौंसिल में तैनात संविदाकर्मियों को हटाने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य सचिव, निदेशक और नर्सिंग कौंसिल सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश कमला देवी व अन्य की याचिका पर दिए.

पढ़ें: हाईकोर्ट सुनवाई : ट्रेंड डॉक्टर्स के अभाव में वेंटिलेटर्स का उपयोग नहीं होने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता सोगत रॉय ने बताया कि याचिकाकर्ता नर्सिंग कौंसिल में कई सालों से प्लेसमेंट एजेन्सी के जरिए विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं. गत दिनों कौंसिल रजिस्ट्रार ने प्लेसमेंट एजेन्सी को पत्र लिखकर याचिकाकर्ताओं के स्थान पर दूसरे संविदाकर्मियों को भेजने की बात कही. याचिका में कहा गया कि संविदाकर्मियों को नियमित भर्ती होने पर ही हटाया जा सकता है.

नियमानुसार एक संविदाकर्मी को दूसरे संविदाकर्मी से नहीं बदला जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को हटाने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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