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राजस्थान हाई कोर्ट फैसला : टोडाभीम में नियमों को दरकिनार कर किए गए निलंबन आदेश पर रोक

याचिकाकर्ता टोडाभीम पंचायत समिति में ग्राम विकास अधिकारी के तौर पर तैनात था. विकास अधिकारी ने गत 18 अक्टूबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को बिना कारण निलंबित कर दिया. इस दौरान पंचायती राज नियम 297 और 298 के प्रावधानों की पालना भी नहीं की गई. राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court verdict ) ने आदेश पर रोक लगा दी है.

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Published : Dec 18, 2021, 8:00 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली जिले की टोडाभीम पंचायत समिति में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी की नियमों को दरकिनार कर किए गए निलंबन आदेश पर रोक (high court jaipur on todabhim case) लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव और करौली जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित टोडाभीम पंचायत समिति के विकास अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

न्यायाधीश रेखा बोराणा की एकलपीठ ने यह आदेश विष्णु शर्मा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता टोडाभीम पंचायत समिति में ग्राम विकास अधिकारी के तौर पर तैनात था. विकास अधिकारी ने गत 18 अक्टूबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को बिना कारण निलंबित कर दिया.

पढ़ें- Rajasthan High Court: खान आवंटन घूसकांड के आरोपी पूर्व आईएएस सिंघवी को विदेश जाने की सशर्त अनुमति

इस दौरान पंचायती राज नियम 297 और 298 के प्रावधानों की पालना भी नहीं की गई. याचिका में यह भी कहा गया कि गत डेढ साल में उसका कई बार तबादला किया गया है. वहीं वर्ष 2020 में उसे एपीओ किया गया था. इस एपीओ आदेश की क्रियान्विति पर सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रोक लगा दी थी.

अधिकरण के स्थगन आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने उसे निलंबित कर दिया. जिससे साबित होता है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दुर्भावना से यह कार्रवाई की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश पर रोक (Rajasthan High Court stays suspension order ) लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली जिले की टोडाभीम पंचायत समिति में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी की नियमों को दरकिनार कर किए गए निलंबन आदेश पर रोक (high court jaipur on todabhim case) लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव और करौली जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित टोडाभीम पंचायत समिति के विकास अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

न्यायाधीश रेखा बोराणा की एकलपीठ ने यह आदेश विष्णु शर्मा की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता टोडाभीम पंचायत समिति में ग्राम विकास अधिकारी के तौर पर तैनात था. विकास अधिकारी ने गत 18 अक्टूबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को बिना कारण निलंबित कर दिया.

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इस दौरान पंचायती राज नियम 297 और 298 के प्रावधानों की पालना भी नहीं की गई. याचिका में यह भी कहा गया कि गत डेढ साल में उसका कई बार तबादला किया गया है. वहीं वर्ष 2020 में उसे एपीओ किया गया था. इस एपीओ आदेश की क्रियान्विति पर सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने रोक लगा दी थी.

अधिकरण के स्थगन आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने उसे निलंबित कर दिया. जिससे साबित होता है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दुर्भावना से यह कार्रवाई की गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निलंबन आदेश पर रोक (Rajasthan High Court stays suspension order ) लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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